जरा सोचिए, हिमाचल प्रदेश घूमने के लिए सैलानी क्यों आते हैं? जाहिर सी बात है कि यहां की खुबसूरत वादियां, फ्रेश हवा और प्राकृतिक सौंदर्य सैलानियों को विशेष तौर पर लुभाती हैं। लेकिन, जब प्रकृति और वातावरण की साख ही ख़तरे में पड़ जाए तो फिर कहां हिमाचल की खुबसूरती और कहा सैलानी…।
प्रदेश के चंबा जिले के डलहौजी में हर साल हजारों पर्यटक घूमने आते हैं। लेकिन, यहां चारों तरफ बिखरे कूड़े के ढेर को देख हर किसी को निराशा होती है। डलहौजी में फैली गंदगी और कूड़ा ना सिर्फ प्रदेश की स्वच्छ छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं, बल्कि केंद्र सरकार के स्वच्छता अभियान की भी खिल्ली उड़ा रहे हैं। सड़क का किनारा हो या कोई भी खाली स्थान। कूड़ा हर जगह डंप किया हुआ मिलेगा। स्वच्छता अभियान की वाट लगाने में होटल व्यवसायी भी पीछे नहीं है। सबसे ज्यादा गंदगी फैलाने का ठेका इन्हीं के पास है। जंगलों में खूले में फेंका कूड़ा साफ-साफ देखा जा सकता है। वहीं, सवालों के घेरे में नगर परिषद भी है। जब गंदगी फैल रही है। बिना किसी निश्चित जगह के जंगलों में कूड़ा डंप किया जा रहा है, तब ये नगर-परिषद क्या कर रहा है।
अब तो सैलानी भी इस गंदगी से तंग आ चुके हैं। जो भी आता है गंदगी पर चार भाषण सुना के जाता है। कुछ सैलानी साल में एक या दो बार तो जरूर यहां आते हैं। लेकिन, इस बार गंदगी के माहौल ने उन्हें निराश किया है। पंजाब से आए दो सैलानियों का कहना था कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि डलहौजी इस कदर गंदा होगा। साफ हवा की जगह यहां पर्यावरण में बदबू मिल जाएगी।