पशुपालन एवं मत्स्य पालन मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने आज यहां कहा कि पशुधन में लम्पी चर्म रोग की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए प्रदेश सरकार द्वारा प्रभावी कदम उठाए गए हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी तक लगभग 50 हजार पशुओं का टीकाकरण पूर्ण कर लिया गया है.
पशुपालन मंत्री ने कहा कि प्रदेश में इस रोग की रोकथाम के लिए पशुपालन विभाग को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. उन्होंने कहा कि रोग को नियंत्रित करने के लिए कन्टेनमेंट जोन स्थापित किए गए हैं और रोग से ग्रसित पशुधन को अलग कर इस रोग को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं.
उन्होंने कहा कि पशुपालन विभाग के माध्यम से प्रचुर मात्रा में दवाएं इत्यादि उपलब्ध करवाई गई हैं. उन्होंने कहा कि विभाग के पास वर्तमान में टीके की 1,19,591 खुराकें उपलब्ध हैं और आवश्यकता पड़ने पर खुले बाजार से भी दवा अथवा टीका खरीदने के निर्देश दिए गए हैं.
वीरेन्द्र कंवर ने कहा कि प्रदेश में अभी तक लम्पी चर्म रोग से ग्रसित 5,630 पशु स्वस्थ हो चुके हैं और गत दिवस तक राज्य में 18,256 सक्रिय मामले थे. उन्होंने कहा कि अभी तक इस रोग से ग्रसित 513 पशुधन की क्षति की सूचना है. उन्होंने कहा कि पशुपालन विभाग इस रोग की रोकथाम के लिए पूरी तत्परता के साथ कार्य कर रहा है.
पशुपालन मंत्री ने कहा कि पड़ोसी राज्य से इस रोग का पहला मामला सामने आने के उपरान्त प्रदेश सरकार ने तत्काल इससे बचाव के सम्बन्ध में आवश्यक परामर्श एवं दिशा-निर्देश जारी कर दिए थे. विभागीय अधिकारियों को निरन्तर निगरानी करने और दैनिक आधार पर इसकी रिपोर्ट तैयार करने के भी निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने पशुपालकों से आग्रह किया है कि वे इस रोग की रोकथाम में विभाग को सहयोग करें और किसी भी प्रकार की शंका इत्यादि के निवारण के लिए नजदीकी पशु चिकित्सा केन्द्र में सम्पर्क कर सकते हैं.
लंपी चमड़ी रोग को लेकर जिलाधीश ने की बैठक…
उपायुक्त हमीरपुर देबश्वेता बनिक ने शुक्रवार को पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ लंपी चमड़ी रोग को लेकर बैठक की. उन्होंने बताया कि यह रोग केवल गोवंश तथा भैंसों को प्रभावित कर रहा है. इससे पशु को तेज बुखार,त्वचा में सूजन व मोटी-मोटी गाठें होती हैं तथा साथ ही पशु को कमजोरी तथा दूध उत्पादन में कमी आ जाती है. इससे थनों, होंठ और मुंह और नाक के उधर अलसर हो जाते हैं. उन्होंने बताया कि जिला के सभी पशु चिकित्सालयों में दवाईयां उपलब्ध हैं.
उन्होंने जिला के सभी पशुपालकों से आह्वान किया कि यदि किसी भी गाय या भैंस में यदि यह लक्षण दिखे तो तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सालय में पशु चिकित्सक से सम्पर्क करें. उन्होंने बताया कि अभी तक जिला हमीरपुर में कुल 540 मामले इस बीमारी के आए हैं तथा पांच पशुओं की इस बीमारी से मृत्यु हुई है. उन्होंने बताया कि इस बीमारी से निपटने के लिए टीकाकरण भी शुरू कर दिया गया है तथा अब तक 3 हजार पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है.
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