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उचित पोषण के लिए दैनिक आहार में विविधता जरूरी: सीडीपीओ

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Hamirpur:महिला एवं बाल विकास विभाग ने राष्ट्रीय पोषण माह के उपलक्ष्य पर सोमवार को गांव चमयोला में महिला संवाद कार्यक्रम आयोजित किया, जिसकी अध्यक्षता सुजानपुर के बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) कुलदीप सिंह चौहान ने की।
इस अवसर पर उन्होंने बताया कि नाश्ता या ब्रेकफास्ट हमारी दिनचर्या का सर्वाधिक महत्वपूर्ण आहार है। इसलिए, हमारे नाश्ते की थाली सतरंगे आहार से सजी होनी चाहिए। ऐसा आहार हमारे शरीर में सभी आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति करते हुए शरीर की रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता को बढ़ाता है। परंपरा के अनुसार हम सुबह जब भी घर से किसी कार्य पर निकलते हैं तो खाना खाकर ही निकलते हैं ताकि दिन भर शरीर में ऊर्जा तथा मन में आवश्यक उत्साह बना रहे। इसके लिए आवश्यक है कि हमारा नाश्ता सभी सात प्रकार के खाद्य समूहों का मिश्रण हो और दिन भर के खाने के एक बड़े भाग की पूर्ति करता हो। स्वस्थ एवं संतुलित नाश्ता हमारी पाचन क्रिया को मजबूत करने और दिन भर के शारीरिक एवं मानसिक कार्यों के लिए जरूरी ऊर्जा तथा पोषण आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
सीडीपीओ ने बताया कि हमारी पाचन-अग्नि सूर्य की ही भांति कार्य करती है। सुबह के समय यह बढ़ना शुरू कर दोपहर को अपने अधिकतम स्तर पर पहुंचकर शाम ढलने तक शिथिल पड़ जाती है। दोपहर के समय हमारी पाचन अग्नि प्रबल होने के कारण हम जो भी खाते हैं वह आसानी से पच जाता है। फाइबर तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों की अधिकता के कारण मोती अनाज दोपहर के भोजन के लिए सर्वाेत्तम आहार हैं।
दोपहर में खाने पर ये अनाज अपनी धीमी पाचन दर के कारण रात के भोजन की जरुरत को भी कम कर देते हैं और रात को कम भोजन शरीर के लिए बहुत लाभदायक होता है। सीडीपीओ ने बताया कि केवल तिरंगा सलाद भी हमारी रात्रि के भोजन की आवश्यकताओं को पूरा कर सकता है। उन्होंने कहा कि यदि हम भोजन के पोषक (पोषण करने वाले), निवारक (रोगों से बचाने वाले) एवं उपचारात्मक (रोगों का उपचार करने वाले) गुणों को अच्छी तरह समझ लें तो हमें रोग अपनी गिरफ्त में नहीं ले सकेंगे और हम स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकते हैं।