राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने सोमवार सायं वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत किन्नौर जिला के नाको व लियो गांव का दौरा किया और ग्रामीणों से बातचीत की। इस अवसर पर लेडी गवर्नर जानकी शुक्ल भी उनके साथ उपस्थित थीं।
राज्यपाल ने लियो गांव में कहा कि किन्नौर जिला के 55 गांव वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम में शामिल किए गए हैं। इन गांवों में विकास को गति देने के लिये विभिन्न योजनाएं कार्यान्वित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों प्राकृतिक आपदा के कारण उन्हें वाइब्रेंट विलेज का दौरा रद्द करना पड़ा था।
उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों की सड़क संबंधी मांगों को हल करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। नौतोड़ और एफ.आर.ए. मामलों को उचित स्तर पर बातचीत कर हल करने का प्रयास किया जाएगा ताकि लोगों को सुविधा मिल सके।
इससे पूर्व, राज्यपाल ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत फुलसुम खण्डी व निरूप स्वयं सहायता समूह द्वारा तैयार किए गए उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
उपायुक्त किन्नौर तोरूल एस. रवीश ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा इन क्षेत्रों में विभिन्न विकास कार्यक्रमों और गतिविधियों की जानकारी दी। लियो ग्राम पंचायत के प्रधान नमग्युल कुमार ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा उन्हें स्थानीय लोगों की समस्याओं से अवगत करवाया।
राज्यपाल ने नाको गांव का दौरा भी किया और लोगों से बातचीत की तथा उनकी समस्याएं भी सुनीं।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में भी यहां के लोगों का संस्कृति से अटूट संबंध है। उन्होंने कहा कि वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत सीमावर्ती गावों का विकास सुनिश्चित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के आखिरी गांव को पहला गांव कहा है। इसी कारण जनप्रतिनिधियों का इन क्षेत्रों का दौरा सुनिश्चित किया जा रहा है। इस क्षेत्र के लोगों की मांगों को पूरा करने के हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।
इस अवसर पर हंगरंग रिंछेंन बौद्ध संस्कृति धरोहर संस्थान के प्रतिनिधियों ने राज्यपाल का स्वागत किया।
राज्यपाल तथा लेडी गवर्नर ने यहां स्थापित मठ का दौरा भी किया। उन्होंने नाको झील का अवलोकन भी किया।