राजधानी शिमला में सोमवार को विश्वकर्मा दिवस बड़े धूमधाम से मनाया गया।शिमला के रुल्दुभट्टा में विश्वकर्मा मंदिर में औजार और मशीनरी की पूजा अर्चना की गई। इस दौरान मंदिर में हवन और भंडारे का भी आयोजन किया गया।
रुल्दुभट्टा विश्वकर्मा सभा के प्रधान बनारसी सिंह ने बताया कि दीपावली के दूसरे दिन विश्वकर्मा दिवस मनाया जाता है। दिवाली की पहली रात को इन औजारों की साफ-सफाई की जाती है। दूसरे दिन इनकी पूजा की जाती है। श्री राम के अयोध्या लौटने के दूसरे दिन विश्वकर्मा दिवस मनाया जाता है। उन्होंने यह दिवस क्यों मनाया जाता है इस पर भी प्रकाश डाला।
भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि का पहला इंजीनियर माना जाता है। ऐसा कहते हैं कि विश्वकर्मा पूजा के दिन घर, दुकान या फैक्ट्रियों में लोहे, वाहन और मशीनों की पूजा की जाती है। भगवान विश्वकर्मा की अनुकंपा से ये मशीनें जल्दी खराब नहीं होती है। कार्य, कारोबार में उन्नति आती है। भारत के कई हिस्सों में विश्वकर्मा पूजा बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है।
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