➤ विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत शिमला में कार्यशाला आयोजित
➤ कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने प्रदेश के लिए विकसित कृषि रोड मैप की रूपरेखा बताई
➤ क्लस्टर आधारित खेती व “लैब टू लैंड” प्रोग्राम पर जोर
शिमला में विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत आज एक महत्त्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य प्रदेश में कृषि रोड मैप तैयार करना और आगामी रबी सीजन की कार्य योजना बनाना रहा। इस अवसर पर कृषि मंत्री चंद्र कुमार मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे।
कार्यशाला में विभिन्न जिलों से आए नोडल अधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्रों से जुड़े अनुभव, समस्याओं और भविष्य की कार्य योजनाओं का प्रस्तुतीकरण दिया। किसानों से मिले सुझावों और उनके अनुभवों के आधार पर कृषि रोड मैप को और मजबूत बनाने पर चर्चा की गई।
कृषि मंत्री ने कहा कि आने वाले 5 वर्षों के लिए विकसित कृषि रोड मैप तैयार किया जा रहा है, जिसमें क्लस्टर स्तर पर किसानों को जोड़ा जाएगा और उनकी समस्याओं का समाधान वैज्ञानिक तरीकों से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि गांव स्तर पर कृषक समूह बनाए जाएंगे और इन्हें कृषि विश्वविद्यालयों, शोध संस्थानों व वैज्ञानिक सहायता से जोड़ा जाएगा।
इस अवसर पर उन्होंने “लैब टू लैंड” कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की ताकि शोध और तकनीक प्रयोगशालाओं तक सीमित न रहकर सीधे किसानों तक पहुंच सके। चंद्र कुमार ने कहा कि भारत की कृषि अभी भी मानसून पर निर्भर है, और इस वर्ष चार साल बाद अच्छी बारिश हुई है, जिससे जहां आपदा आई है वहीं कृषि और बागवानी को भी बड़ा लाभ होगा।
कृषि मंत्री ने विशेष रूप से कहा कि हिमाचल प्रदेश में कृषि क्षेत्र में अधिकांश महिलाएं कार्यरत हैं और उन्हें सशक्त बनाने के लिए विशेष कदम उठाए जाएंगे। यह अभियान ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने और कृषि उत्पादन को बढ़ाने में अहम साबित होगा।



