- बीजेपी ने देहरा में महिला दिवस पर भव्य कार्यक्रम आयोजित किया, सांसद राजीव भारद्वाज ने कहा—महिलाएं अब हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं।
- महिलाओं के उत्पादों की प्रदर्शनी आयोजित, आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए बीजेपी नेताओं ने भी की खरीदारी।
- प्रदेश सरकार पर बिक्रम सिंह ठाकुर का हमला, बोले—कांग्रेस सरकार सनातन विरोधी, मंदिरों के पैसे को सरकारी योजनाओं में खर्च करने की योजना गलत।
BJP Women’s Day Event: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने हिमाचल प्रदेश के जिला मुख्यालय देहरा में भव्य कार्यक्रम आयोजित किया। इस समारोह में कांगड़ा-चंबा से सांसद डॉ. राजीव भारद्वाज मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम में विधायक बिक्रम सिंह ठाकुर, पूर्व मंत्री रविंद्र सिंह रवि, महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष सरिता धीमान, जिला परिषद कांगड़ा की उपाध्यक्ष स्नेहलता परमार, पूर्व विधायक होशियार सिंह सहित बड़ी संख्या में महिला कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।

कार्यक्रम के दौरान हिम ईरा संस्था द्वारा महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें साबुन, अचार, ऊनी कपड़े और अन्य घरेलू सामान शामिल थे। इस पहल की सराहना करते हुए बिक्रम सिंह ठाकुर ने भी खरीदारी की और महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में इसे महत्वपूर्ण कदम बताया।

अपने संबोधन में सांसद डॉ. राजीव भारद्वाज ने कहा कि महिलाओं की भागीदारी अब हर क्षेत्र में बढ़ रही है। उन्होंने राजनीति में महिलाओं को 33% आरक्षण देने के निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि महिलाएं अब सीमित नहीं रह सकतीं, बल्कि वे हर क्षेत्र में आगे बढ़कर नेतृत्व कर रही हैं।
इस अवसर पर बिक्रम सिंह ठाकुर ने कहा कि ग्राम पंचायतों में महिला प्रधानों को अपनी जिम्मेदारियों को खुद निभाना चाहिए। उन्होंने उस महिला प्रधान की सराहना की, जिसने घूसखोर बीडीओ अधिकारी को रंगे हाथों पकड़ा था।
बीजेपी की नेता और जिला परिषद कांगड़ा की उपाध्यक्ष स्नेहलता परमार ने कहा कि बीजेपी ही वह पार्टी है जिसने महिलाओं को सम्मान दिया और उनके सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएं शुरू कीं, जिनमें उज्ज्वला योजना और लखपति दीदी योजना शामिल हैं।
इस कार्यक्रम के दौरान बिक्रम सिंह ठाकुर ने प्रदेश सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार सभी वर्गों को निराश कर रही है। पेंशनर्स, शिक्षक, HRTC कर्मचारी और बिजली बोर्ड के कर्मचारी सभी सरकार की नीतियों से असंतुष्ट हैं। उन्होंने सरकार पर सनातन संस्कृति के विरोध का आरोप लगाते हुए कहा कि मंदिरों के पैसों को सरकारी योजनाओं में खर्च करने की योजना गलत है। मंदिरों की आय का उपयोग मंदिरों और आसपास के क्षेत्रों के विकास में होना चाहिए, न कि सरकार के अन्य खर्चों में।
कार्यक्रम का समापन महिलाओं को सशक्त बनाने, आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और राजनीति में उनकी भागीदारी को मजबूत करने के संकल्प के साथ किया गया।



