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विमल नेगी केस: पेन ड्राइव छिपाने पर एएसआई निलंबित

  • विमल नेगी केस में शव से बरामद पेन ड्राइव को छिपाने के आरोप में एएसआई पंकज निलंबित

  • शिमला पुलिस की एसआईटी की कार्यप्रणाली पर हाईकोर्ट में सवाल, विभागीय जांच शुरू

  • एसपी शिमला ने लापरवाही मानते हुए की कार्रवाई, डीजीपी ने हलफनामे में किया खुलासा

Pen drive hiding investigation: विमल नेगी की संदिग्ध मौत के मामले में बड़ा खुलासा सामने आया है। पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत के बाद उनके शव से मिली पेन ड्राइव को कथित रूप से छिपाने के आरोप में एएसआई पंकज को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही उसके खिलाफ विभागीय जांच भी बिठाई गई है। एसपी शिमला संजीव कुमार गांधी ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि पुलिस कर्मी की लापरवाही सामने आने पर यह कड़ी कार्रवाई की गई है।

मामले की पृष्ठभूमि में जाएं तो 10 अप्रैल को विमल नेगी शिमला से लापता हो गए थे। इसके आठ दिन बाद, यानी 18 अप्रैल को उनका शव बिलासपुर जिले के गोबिंद सागर झील से बरामद हुआ। इसी दौरान उनके शव से एक पेन ड्राइव बरामद की गई थी, जो बाद में कथित रूप से छिपा ली गई

21 मई को इस मामले में हिमाचल प्रदेश पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की ओर से हाईकोर्ट में एक हलफनामा दायर किया गया, जिसमें शिमला पुलिस की एसआईटी की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए गए। हलफनामे में डीजीपी ने कहा कि एसआईटी मामले को आत्महत्या की ओर मोड़ने की कोशिश कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि ऊना के पेखूबेला प्रोजेक्ट से संबंधित दस्तावेज पेन ड्राइव से बहुत कम मिले, जिससे संदेह और गहरा गया।

हाईकोर्ट की सुनवाई के दौरान एसपी शिमला संजीव गांधी व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश हुए और बताया कि विमल नेगी की मौत बिलासपुर में हुई थी, इसलिए वह क्षेत्र शिमला पुलिस के अधिकार क्षेत्र से बाहर था। यही वजह थी कि शिमला पुलिस ने शुरू में इस मामले में कोई दखल नहीं दिया

हालांकि, अब जब पूरे मामले में लापरवाही और साक्ष्य छुपाने की बात सामने आई है, तो पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया है। एएसआई पंकज की भूमिका की जांच की जा रही है और विभागीय स्तर पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। मामले की सत्यता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उच्चस्तरीय निगरानी की बात भी कही जा रही है।