Categories: हिमाचल

किसानों के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांस्फर नीति लागू की जाएगीः वीरेन्द्र कंवर

<p>कृषि मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने आज कृषि और पशुपालन विभागों द्वारा कार्यान्वित की जा रही योजनाओं की समीक्षा की और कहा कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांस्फर का उद्देश्य अनुदान राशि को लाभार्थियों के बैंक खातों में स्थानातंरित करना और सूचना के सरल और तीव्र प्रवाह के लिए मौजूदा प्रक्रिया में सुधार कर लाभार्थियों को सीधा लाभ सुनिश्चित कर डी-डुप्लीकेशन और धोखाधड़ी से बचाना है। प्रदेश के किसानों को लाभान्वित करने के लिए राज्य में जल्द ही डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर नीति को लागू किया जाएगा। इससे न केवल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के किसानों की आय को साल 2022 तक दोगुना करने की परिकल्पना को साकार करने में सहायता मिलेगी, बल्कि किसानों को सरकार द्वारा चलाई जा योजनाओं का सीधा लाभ भी मिल सकेगा।</p>

<p>उन्होंने बीज के लिए अन्य राज्यों पर निर्भर न रहने और प्रदेश में ही बीज तैयार करने पर भी बल लिया। इससे न केवल किसानों को उनके उत्पादों के बेहतर मूल्य उपलब्ध होंगे, बल्कि अधिक उपज के बीजों और खरपतवार और कीटनाशक दवाइयों पर डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांस्फर के माध्यम से अनुदान प्राप्त करने में सुविधा होगी। कृषि विभाग द्वारा अब तक शंकर किस्मों के 25740 क्विंटल मक्की, धान और विभिन्न प्रकार की सब्जियों के बीज औऱ चारा बीजों को वितरित किया गया है तथा 129000 क्विंटल गेहूं जौ, बरसीम, दलहन, तिलहन के बीज किसानों को उपलब्ध करवाए गए। जिसमें से 40846.45 क्विंटल गेहूं का बीज प्रदेश में ही तैयार किया गया है।</p>

<p><img src=”/media/gallery/images/image(7970).jpeg” style=”height:90px; width:743px” /></p>

<p>कृषि मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऑनलाइन पारदर्शिता प्रक्रिया और स्वीकृति के लिए ई-पोर्टल विकसित किया जाए ताकि किसानों को उनकी समस्याओं के समाधान के लिए कार्यालयों के चक्कर न काटने पड़े।&nbsp; कृषि विभाग द्वारा कार्यान्वित की जा रही योजनाओं को पैम्फ्लेट, कृषि प्रशिक्षण शिविरों और कृषक मेलों आदि के माध्यम से जागरूक किया जाए ताकि वे सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ उठा संके। किसानों को मिट्टी परीक्षण, खाद और पौध संरक्षण लाईसेंस आदि के बारे में भी जागरूक किया जाए।</p>

<p>प्रदेश में किसान पारम्परिक खेती को त्याग कर नकदी फसलों को अपना रहे हैं। जिसके परिणामस्वरूप बहुत से पारम्परिक उत्पाद बाजारों से भी लुप्त हो गए हैं, जो चिन्ता का विषय है। इस खेती को एक बार दोबारा अस्तित्व में लाने के लिए कृषि विभाग द्वारा भारतीय पारम्परिक कृषि पद्धति को बड़े स्तर पर बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रदेश के प्रत्येक जिले में पारम्परिक खेती योजना को लागू किया गया है। जिसके अन्तर्गत गांव और खण्ड स्तर पर कृषक समूहों का गठन किया गया है और किसानों को पारम्परिक कृषि के सम्बन्ध में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। प्रदेश में इस पद्धति को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों को प्रमाणित उच्च गुणवत्ता के बीज के खरीद में 85 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है। गौ सेवा आयोग के कार्य की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी बेसहारा गौवंश को टैग लगाए जाए और जो भी गौवंश को लगाए गए टैग के साथ छेड़छाड़ करते हैं उनके खिलाफ सजा का प्रावधान किया जाएगा।</p>

<p>&nbsp;</p>

Samachar First

Recent Posts

मुश्किल में हिमाचल की जनता: बिजली-पानी के बाद अब केंद्र ने की सस्ते राशन में कटौती

  Shimla: एक तरफ जहां हिमाचल में कांग्रेस सरकार बिजली की दरें बढ़ाकर और ग्रामीण…

1 hour ago

आज का राशिफल: 24 सितंबर 2024, जानें आपके लिए कैसा रहेगा मंगलवार

  मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ) आज आपका दिन अच्छा…

2 hours ago

धर्मशाला में 29 से वन विभाग की राज्य स्तरीय स्पोर्ट्स और ड्यूटी मीट

  सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी होगा आयोजन Dharamshala: जिला मुख्यालय धर्मशाला में 25वीं स्टेट लेवल…

2 hours ago

ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट में बड़ा घोटाला, विक्रम सिंह ठाकुर का बड़ा दावा

स्कैम की जांच करवाए, नहीं तो भाजपा करेगी बड़े आंदोलन का आगाज धर्मशाला। पूर्व उद्योग…

2 hours ago

रेणुका विधानसभा क्षेत्र को उप मुख्यमंत्री का तोहफा, 2.40 करोड़ के विकास कार्यों का शुभारंभ

नाहन। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज जिला सिरमौर के श्री रेणुका जी विधान सभा…

17 hours ago

जानें कौन सी योजना देगी 1% ब्याज पर 20 लाख का शिक्षा ऋण

  Shimla: डॉ. वाईएस परमार ऋण योजना को सुक्‍खू सरकार ने विस्‍तार दिया है। योजना…

18 hours ago