Shimla: प्रदेश के व्यवसायिक शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए सरकार को एक महीने का अल्टीमेटम दे दिया है। व्यवसायिक शिक्षक संघ ने व्यावसायिक शिक्षा से निजी कंपनियों को बाहर करने की मांग उठाई है। संघ ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे 1 नवंबर से शिमला में सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन करेंगे। व्यवसायिक शिक्षकों का कहना है कि एमओयू के तहत कंपनियों द्वारा उनका शोषण हो रहा है, और इस पर सरकार को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।
शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान हिमाचल प्रदेश व्यवसायिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी डटवालिया और राज्य महासचिव नीरज बंसल ने कहा कि अगर सरकार ने 1 नवंबर 2024 तक कंपनियों को एमओयू से बाहर नहीं किया, तो प्रदेशभर के 2174 व्यवसायिक शिक्षक आंदोलन के लिए मजबूर होंगे। अश्वनी डटवालिया ने हरियाणा सरकार का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां की पूर्व सरकार ने कंपनियों को हटाकर शिक्षकों को सीधा निगम में सम्मिलित कर एक ऐतिहासिक कदम उठाया था।
व्यवसायिक शिक्षकों का आरोप है कि 2013 से निजी कंपनियां उनका शोषण कर रही हैं, समय पर वेतन नहीं दिया जाता और कंपनी के कार्यों का बोझ शिक्षकों पर डाला जाता है। संघ ने मांग की है कि सरकार को इन कंपनियों को बाहर कर व्यावसायिक शिक्षा को मजबूत करना चाहिए और शिक्षकों को जॉब सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए।
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