➤ वाकनाघाट में 650 बीघा भूमि पर बनेगी हिमाचल की पहली साईबर सिटी
➤ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डाटा स्टोरेज उद्योग होंगे मुख्य आकर्षण
➤ मुख्यमंत्री सुक्खू ने विभागों को पूरी तरह डिजिटाइज करने के निर्देश दिए
हिमाचल प्रदेश अब डिजिटल युग की ओर बड़ा कदम बढ़ाने जा रहा है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सोलन जिले के वाकनाघाट में साईबर सिटी स्थापित करने की घोषणा की है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना को प्रदेश की सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी पहल बताया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह साईबर सिटी लगभग 650 बीघा भूमि पर बनाई जाएगी, जिसमें डाटा स्टोरेज, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), क्लाउड सर्विसेज और अन्य आईटी आधारित उद्योग स्थापित किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस विभाग की उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए विभाग को विस्तृत ब्लूप्रिंट शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठा रही है।
बैठक में मुख्यमंत्री ने वाकनाघाट में बन रहे उत्कृष्ट केंद्र (Centre of Excellence) की समीक्षा भी की और अधिकारियों को निर्माण कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने आदेश दिया कि यहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की एक आधुनिक प्रयोगशाला भी स्थापित की जाए ताकि राज्य के युवाओं को अत्याधुनिक तकनीक का प्रशिक्षण मिल सके।
उन्होंने यह भी कहा कि जिला कांगड़ा के चैतडू और शिमला के मैहली में स्थापित किए जा रहे आईटी पार्क का निर्माण कार्य दिसंबर 2025 तक पूरा किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये प्रोजेक्ट राज्य को टेक्नोलॉजी हब बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने शासन में डिजिटल सेवाओं की अहमियत पर बल देते हुए कहा कि प्रदेश के सभी विभागों को ई-ऑफिस प्रणाली को अपनाना होगा ताकि पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित हो सके। उन्होंने निर्देश दिए कि अधिकारियों और कर्मचारियों को ई-फाइल प्रबंधन और नई तकनीकों के प्रयोग के लिए प्रशिक्षण दिया जाए, जिससे सरकारी कामकाज में तेजी और पारदर्शिता लाई जा सके।
उन्होंने यह भी कहा कि सभी विभागों में नोडल अधिकारी तैनात किए जाएं जो मुख्यमंत्री की घोषणाओं की ऑनलाइन निगरानी सुनिश्चित करें। साथ ही, सचिवालय में सभी अधिकारियों की बायोमीट्रिक उपस्थिति को अनिवार्य कर दिया गया है ताकि कार्य संस्कृति में अनुशासन और जिम्मेदारी लाई जा सके।
इस बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (सूचना प्रौद्योगिकी एवं नवाचार) गोकुल बुटेल, मुख्य सचिव संजय गुप्ता, सचिव आशीष सिंहमार, निदेशक आईटी डॉ. निपुण जिन्दल, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।



