<p>मंडी त्रिवेणी धर्म स्थली रिवालसर की ऐतिहासिक पवित्र झील का पानी अचानक पिछले कुछ दिनों से अपना रंग बदल रहा है। जैसे जैसे गर्मी बढ़ रही है, पानी का रंग भी बदल रहा है जो देखने मे अब मटमैला लग रहा है। पानी के रंग बदलने की घटना से चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। लोगों का कहना है कि झील बहुत ज्यादा प्रदूषित हो गई है, इस कारण पानी का रंग बदल रहा है।</p>
<p>पूर्व अध्यक्ष नगर पंचायत वंशी लाल और नैणा देवी मंदिर कमेटी के प्रधान किसोरी लाल, ने बताया कि झील किनारे बने कुछ भवनों के सेफ्टी टैंकों से हो रहे रिसाव और कैचमेंट एरिया के साथ झील परिसर में बनी नालियों से गाद व गंदे पानी के झील में आने से प्रवित्र झील की आज ये हालत हुई है। बहुत ज्यादा गाद आ जाने के कारण झील के अंदर बने पानी के प्राकृतिक स्त्रोत बंद हो गए हैं। पानी में ऑक्सीजन की कमी हो जाने के कारण मछलियों के मरने की आशंका भी हो गई है।</p>
<p>उन्होंने कहा कि सीवरेज की उचित व्यवस्था करने में जितनी देरी होगी, उतना ही ज्यादा नुकसान इस झील का होगा। वहीं, कुछ स्थानीय लोगों का कहना है कि इस ऐतिहासिक झील को प्रदूषण मुक्त करने के लिए प्रशासन द्वारा जो भी कदम उठाये जा रहे हैं वो भी कारगर सिद्ध नहीं हो पा रहे हैं।</p>
<p>लोगों का कहना है कि प्रशासन द्वारा झील में मछलियों को आहार डालने पर प्रतिबंध करने के बाबजूद झील में कोई खास सुधार होता नजर नहीं आ रहा है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि प्रदूषित हो रही झील को बचाने के कारगर समाधान करने चाहिए ताकि, इस ऐतिहासिक धरोहर को बचाया जा सके।</p>
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