प्रदेश सरकार भले ही जल जीवन मिशन के तहत हर घर को नल से जल देने के दावे कर ले। लेकिन जमीनी हकीकत इससे कहीं अलग है। प्रदेश के कई गांवों में इन दिनों पेयजल का संकट गहराया है। लोगों के घरों में नल तो हैं लेकिन जल नहीं। यही हाल इन दिनों जोगिंदरनगर उपमंडल में भी बना हुआ है। क्षेत्र के नौहली, बिहूं, भराड़ू, कस, चल्हारग, द्राहल, धार, त्रैम्बली, लांगणा, तुल्लाह, पिपली, पंचायतों सहित अनेक पंचायतों के बहुत से गांवों लोगों को भारी पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। पानी की समस्या को लेकर कई बार जल शक्ति विभाग कार्यालय के चक्कर भी काट चुके हैं लेकिन अभी भी समस्या जस की तस बनी हुई है। पानी की इस समस्या को देखते हुए हिमाचल किसान सभा ने जल सत्याग्रह शुरू कर दिया है।
ग्राम पंचायत द्राहल के गांव रोहड़ा निवासी कमला देवी व सुनील कुमार का कहना है कि उनके गांव में लगभग 25 घर हैं । उनका कहना है कि गांव में हेडपंप तो लगा है लेकिन पानी बहुत कम आता है। उनका कहना है कि विभाग ने गांव में बड़ी टंकी बनाने को भी कहा है लेकिन अभी तक नहीं बन पाई है। पानी के संकट के मद्देनजर हिमाचल किसान सभा ने पिछले दिनों जोगिंदरनगर में प्रदर्शन कर अधिकारियों सहित मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन दिया था। इसके बाद जिला परिषद सदस्य कुशाल भारद्वाज ने जल शक्ति विभाग के अधिकारियों से बैठक कर शा़ीघ्र पानी उपलब्ध करवाने और अधिक संकट वाले गांवों में टैंकर से पानी देने की मांग की थी। इसके बाद कुछ गांवों में तो पेयजल उपलब्ध करवाने में सुधार हुआ, लेकिन अधिकांश गांवों में स्थिति अभी भी बदतर बनी हुई है।
गांवों में पेयजल की समस्या को लेकर हिमाचल किसान सभा ने आज से हर गांव में जल सत्याग्रह शुरू कर दिया है। आज नौहली, बिहूं, भराड़ू, कस, द्राहल सहित 14 पंचायतों के 37 गांवों में प्रदर्शन आयोजित किये गये। कुशाल भारद्वाज ने चेतावनी दी कि यदि जल्दी ही पानी उपलब्ध नहीं किया गया तो शांतिपूर्ण जल सत्याग्रह उग्र आंदोलन में तबदील हो जायेगा।
वहीं, इस बारे में जल शक्ति विभाग जोगिंदरनगर के सहायक अभियंता सूक्ष्म नाग से बात हुई तो उन्होंने बताया कि गांव में पानी की सप्लाई सुचारू रूप से है।