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शिमला के इन गांवों में मचा हाहाकार, पानी की बूंद-बूंद को तरस रहे लोग

पी. चंद |

शिमला के रोहड़ू उपमंडल के टिक्कर के लोग पेयजल समस्या से परेशान हैं। यहां पर गांव फ्रिंयुकोटी, टापरा और बशलोग के ग्रामीण पीछले 2-3 सालों से पानी की स्मस्या से जूझ रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि 2-3 साल बीत जाने पर भी उन्हें पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है। पिछले तीन-चार महीनों से पानी की समस्या और भी गंभीर हो गई है। जिससे ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने आईपीएच विभाग से पेयजल समस्या के समाधान करने की मांग की है।

ग्रामीणों ने कहा कि पानी के पुराने स्त्रौत सूख चुके हैं, पिछले 45 सालों से गांव तक आने वाली पाइप लाइन को नहीं बदला गया है। गत तीन -चार महीने पहले आईपीएच विभाग ने 10000 लीटर के वॉटर टैंक का निर्माण तो करवाया है पर उसमें आज तक पानी की सप्लाई नहीं हुई है।

लोगों ने कहा कि गांव में पिछले 4 माह से पानी का भारी संकट पड़ रहा है। चौथे और पांचवें दिन पानी मिल रहा है वह भी तीन से चार बाल्टी ही मिल रही हैं। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने ग्राम पंचायत प्रधान के माध्यम से और वार्ड मेंबर के माध्यम से भी आईपीएच विभाग के अधिशाषी अभियंता को भी अवगत करा चुके हैं। मगर उन्होंने अभी तक तो भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया है।

ग्रामीणों ने आईपीएच मंत्री से निवेदन किया है कि शीघ्र से शीघ्र पानी की समस्या  दूर किया जाए और हमें एक उठाऊ पेयजल योजना जो करासा- बहाली जा रही है उसमें से हमें आधा इंच पानी दिया जाए। यदि एक बार टैंक भर जाता है तो गांव वासियों को 2 दिन तक पानी की आवश्यकता नहीं रहेगी।