<p> प्रदेश जल रक्षक संघ ने शिमला विधानसभा का घेराव किया और सरकार से उनके लिए स्थायी नीति बनाने की मांग की। प्रदेश भर से भारी संख्या में आए जल-रक्षकों ने विधानसभा पहुंचकर सरकार से जल्द स्थाई नीति बनाने की मांग उठाई।</p>
<p>जल रक्षको ने पंचायतों में उनका शोषण करने के आरोप भी लगाए। जलरक्षक लंबे समय से सरकार से स्थायी नीति बनाये जाने की मांग कर रहे है । जलरक्षक संघ के अध्यक्ष भूपिन्दर चंदेल ने कहा कि उन्हें अभी केवल 1750 रुपये वेतन दिया जा रहा है जो कि बहुत कम है। जबकि उनसे दिन भर काम लिया जाता है। प्रदेश की पंचायत में रखे गए जलरक्षकों के लिए स्थायी नीति बनाई जाए, जिससे उनका भविष्य सुरक्षित हो सके।</p>
<p>प्रदेश जलरक्षक यूनियन का कहना है कि राज्य भर के करीब 6300 जलरक्षकों का भविष्य अंधकारमय है। प्रदेश की पंचायतों में वर्ष 2006-07 से जलरक्षक सेवाएं दे रहे हैं। लेकिन उनके लिए अभी तक सरकार ने कोई ठोस नीति नहीं बनाई है। जलरक्षकों ने मांग की कि उनको आईपीएच विभाग के अधीन लाया जाए। कर्मचारियों की तरह उनको भी निर्धारित अवधि के बाद रेगुलर किया जा सके। पांच साल पूरा कर चुके जलरक्षकों को दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी बनाया जाए।</p>
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