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जल रक्षकों ने कहा टूट रहा अब सब्र का बांध, आंदोलन की दी चेतावनी

पी.चंद |

हिमाचल प्रदेश के समस्त जल रक्षक काफी लंबे समय से सरकार के समक्ष अपनी मांगे रखते आ रहे हैं. लेकिन अभी तक उनकी प्रमुख मांगों पर कोई गौर नहीं किया गया है. संघ का कहना है कि 10 अगस्त को मुख्यमंत्री और जल शक्ति मंत्री ने शिमला विधानसभा में कहा था आपकी सभी मांगे पूरी नहीं की जा सकती अपनी एक मांग बताओ जिसे पूरा कर दिया जाएगा.

वहीं, जल रक्षक महासंघ के पांच सदस्य शिमला विधानसभा में बुलाए गए थे तो जल रक्षक महासंघ के सदस्यों ने माननीय मुख्यमंत्री जल शक्ति मंत्री के सामने अपने प्रमुख मांग कांटेक्ट पर आने का टाइम पीरियड 12 साल से घटाकर 8 वर्ष किया जाए.

उसके बाद मुख्यमंत्री और जल शक्ति मंत्री जी ने वचनबद्ध होते हुए कहा आपकी इस मांग को आने वाली कैबिनेट में पूरा किया जाएगा. उसके बाद तीन कैबिनेट बीत गई पर अभी तक एक मांग को भी पूरा नहीं किया गया. जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है.

जल रक्षक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष जवालु राम, उपाध्यक्ष बबलू वर्मा, टेकचंद सुनील सचिव डोलम कोषाध्यक्ष हरि मीडिया प्रभारी मीना ठाकुर पुष्पराज बबलू संगठन प्रभारी डिंपल संधू मनोज चुन्नीलाल प्रवक्ता गौरव सेन लकी राजेंद्र अन्य डिस्ट्रिक्ट प्रधान सनी संदीप इकबाल रिंकू भाटिया विनोद राजेश घनश्याम बंटी सुमन कमलेश विधि चंद सुनील आदि का कहना है कि जो सरकार ने वचन दिया है.

उसे समय रहते पूरा किया जाए ताकि हिमाचल के समस्त जल रक्षक अपना व अपने परिवार का पालन पोषण उचित प्रकार से कर सके. सरकार को स्पष्ट किया कि अब उनके सब्र का बांध टूट रहा है.

यदि अब 5 सितंबर को मंत्री मंडल की बैठक उनको निर्णय न हूआ तो आंदोलन के अलावा कोई चारा नहीं होगा. उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह रहे की मुख्यमंत्री और जल सकती मंत्री जी ने जो कहा उसे पूरा किया.