यदि शिमला समेत देश के अन्य नगरों को इस संकट से उबारना है तो पानी की एक एक बूंद को सहेजना होगा। यदि ऐसा न किया तो और केपटाउन बनने में देर नहीं लगेगी। यह कहना है वाटर मैन के नाम से मशहूर और मग्सैसे पुरस्कार से सम्मानित डॉ. राजेन्द्र सिंह का जो इन दिनों शिमला शहर के दौरे पर हैं ।
डॉ. राजेन्द्र सिंह ने नगर निगम शिमला को रूफ़ टॉप के द्वारा वर्षा जल संग्रहन करने के लिए जल्द क़ानून लाने की सलाह दी है । इन दिनों शिमला के दौरे पर आए डॉ. राजेन्द्र सिंह ने मंगलवार को कैचमेंट एरिया सियोग का दौरा किया और शिमला के लाए जाने वाले पानी की जानकारी ली। उन्होंने प्रदेश सरकार को जल साक्षरता अभियान चलाने की भी सलाह दी है।
राजस्थान के अलवर के रहने वाले डॉ राजेन्द्र सिंह ने कहा कि आधुनिकता के विकास ने प्रकृति के साथ छेड़छाड़ की जिसके कारण जंगलों में पेयजल स्त्रोत सूखने लगे हैं। जिसका खामियाजा अब लोगों को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पूरा विश्व पीने के पानी का संकट झेल रहा है इसको बचाने के लिए पूरे विश्व को एकजूट होकर काम करना होगा।
उन्होंने नगर निगम शिमला को सलाह देते हुए कहा कि निगम को रूफ़ टॉप के पानी को संगृहित करने के लिए जल्द कानून लाना चाहिए ताकि शहर वासी पानी का सही उपयोग कर सकें। उन्होंने जंगलों में प्राकृतिक पेयजल स्त्रोतों को रिचार्ज करने के लिए कैचमेंट एरिया वाटरशेड ट्रीटमेंट बनाने की सलाह दी है।
वहीं, नगर निगम शिमला की मेयर कुसूम सदरेट ने बताया कि पेयजल संकट से जूझ रहे नगर निगम शिमला पानी की कमी को दूर करने के लिए प्रयास कर रहा है। ज्सिके लिए जहां करोड़ों रुपए से नई योजनाएं बनाई जा रही हैं वहीं विशेषज्ञों के सहयोग से भी इस संकट को दूर करने के लिए राय ली जा रही है। उन्होंने बताया कि इन दिनों वाटर मैन शिमला आये हैं जो उनकी सलाह होगी उस पर एमसी काम करेगा ।