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पांवटा में जल शक्ति विभाग की लापरवाही से सड़क बनी जानलेवा, हादसे में लड़की घायल

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Pipeline leakage acciden: पांवटा ब्लॉक की कंडेला अदवार पंचायत में जल शक्ति विभाग की लापरवाही ने एक और सड़क हादसे को जन्म दिया। उप प्रधान के घर के पास क्षतिग्रस्त पाइपलाइन से लगातार पानी बहने के कारण सड़क पर फिसलन बढ़ गई, जिससे कई लोग पहले भी घायल हो चुके थे। लेकिन प्रशासन की अनदेखी के चलते अब एक बड़ा हादसा हो गया।

बीते दिन एक ट्रैक्टर, जो बजरी लेकर जा रहा था, इसी फिसलन भरी सड़क पर अनियंत्रित होकर पलट गया। इस दुर्घटना में चालक और एक लड़की गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें तुरंत पांवटा साहिब के सिद्धिविनायक अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के मुताबिक, दोनों की हालत स्थिर है लेकिन लड़की को गहरी चोटें आई हैं।

पाइपलाइन क्षतिग्रस्त, लेकिन मरम्मत के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया

घायल लड़की के पिता ने आरोप लगाया कि उप प्रधान के घर के निर्माण कार्य के दौरान पाइपलाइन टूट गई थी, लेकिन इसे ठीक करने की कोई कोशिश नहीं की गई। लगातार बहते पानी ने सड़क को इतना फिसलन भरा बना दिया कि अब यह जानलेवा साबित हो रहा है। गांव के कई लोग इस जगह पर पहले भी चोटिल हो चुके हैं, लेकिन पंचायत और जल शक्ति विभाग के अधिकारियों ने समस्या को नजरअंदाज किया।

गांववालों का आक्रोश, तुरंत समाधान की मांग

स्थानीय ग्रामीणों ने इस गंभीर समस्या को जल्द से जल्द हल करने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार प्रशासन को शिकायत दी गई, लेकिन हर बार केवल आश्वासन ही मिला। हादसे के बाद जब ब्लॉक अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पंचायत प्रधान को निर्देश दिए गए हैं ताकि पाइपलाइन की मरम्मत जल्द करवाई जा सके।

इस मामले पर जल शक्ति विभाग के अधिशासी अभियंता जितेंद्र ठाकुर ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बताया कि पाइपलाइन को जल्द से जल्द ठीक किया जाएगा और टीम को मौके पर भेजकर इसे सड़क किनारे शिफ्ट किया जाएगा ताकि आगे से इस तरह की दुर्घटनाएं न हों।

लापरवाही कब खत्म होगी?

स्थानीय लोगों ने प्रशासन से अपील की है कि भविष्य में इस तरह की लापरवाही दोबारा न हो। उन्होंने यह भी कहा कि पाइपलाइनों की देखरेख और मरम्मत के लिए एक स्पष्ट कार्ययोजना बनाई जानी चाहिए ताकि निर्माण कार्यों के दौरान पानी की आपूर्ति बाधित न हो और सड़कें सुरक्षित बनी रहें।

फिलहाल, दुर्घटनाग्रस्त लड़की और ट्रैक्टर चालक का इलाज जारी है, लेकिन सवाल यही है कि क्या प्रशासन इस लापरवाही से सबक लेगा, या फिर लोगों को इसी तरह खतरे में डालता रहेगा?