<p>महामारी बन चुके कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में अफरा-तफरा मचा दी है। हाल ये है कि ग्लोबल स्तर मीडिया भी इसके खौफ से अछूता नहीं रहा है। इस खौफ को देखते हुए कई अखबार, मैगज़ीन पूरी तरह डिजिटल की ओर रुख कर रहे हैं, वहीं भारतीय मीडिया इस चुनौती का मुस्तैदी से मुक़ाबला कर रही है और रोजाना अपने पाठकों और श्रोताओं के घर तक खबरें पहुंचा रही है। इस संकट काल में कोरोना महामारी और मीडियाकर्मियों के लिए चुनौती विषय पर एपी गोयल शिमला यूनिवर्सिटी के पत्रकारिता विभाग के सौजन्य से शनिवार को कुलपति प्रो. डॉ. रमेश चौधरी की मेजबानी और पत्रकारिता विभाग के डीन डॉ. रमेश चौहान की अध्यक्षता में हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर मीडिया वेबीनार आयोजित किया गया। इस वेबीनार में पत्रकारिता के छात्रों सहित, मीडिया विशेषज्ञ, विभिन्न अखबारों, टीवी चैनलों के संपादकों, ब्यूरो हैड, जर्नलिस्टों ने भाग लेकर कोरोना की चुनौती से निपटने के लिए अपने-अपने विचार सांझा किए कि कोरोना के इस दौर में भी मीडियाकर्मी रोजाना की तरह अपनी भूमिका निभा रहे हैं।</p>
<p>यह काल पत्रकारों और मीडिया मैनेजमेंट के लोगों के जीवन की सबसे बड़ी चुनौती है और पत्रकारों के जीवन की सबसे बड़ी कहानी भी है और एक अरब से ज्यादा लोग मीडिया और पत्रकारों से उम्मीद कर रहे हैं कि मीडिया – पत्रकार जनता की हालत पर नज़र रखें, खबरें देते रहें, सम्पादन का दायित्व निभाते रहें और नाइंसाफियों व सरकारी तंत्र की खामियों को उजागर कर व्यवस्था को ठीक करने के लिए जागरूक करती रहें और इस संकट काल में मीडिया सफल हो रही है। कोरोना से मुक़ाबले में सरकार के हाथ मजबूत करने वालों में मेडियकर्मी भी शामिल हैं और पूरी ईमानदारी से एक योद्धा की तरह इस जंग में लोगों व सरकार के साथ खड़े हैं। फिर भी मीडिया के सामने कई चुनौतियाँ हैं जैसे कोरोना वायरस की कवरेज के दौरान पत्रकारों में स्वास्थ्य जोखिम का खतरा, वितीय संकट है।</p>
<p>वेबिनार में ज़ी-न्यूज़ के क्लस्टर चैनल्ज़ के संपादक दिलीप तिवारी, लोकसभा टीवी के मुख्य संपादक अशीस, एनडीटीवी के राजनैतिक संपादक अखिलेश शर्मा, दूरदर्शन शिमला की नीस हैड नंदिनी मित्तल, इंडियन एक्सप्रेस के पूर्व ब्यूरो हैड अश्वनी शर्मा, स्वदेश समाचारपत्र भोपाल के बयूरो हैड अरुणेश झा, राजस्थान पत्रिका के संपादक शिव शर्मा, इंडियन एक्सप्रेस से हेमलता वर्मा ने मुख्य वक्ता और विशेषज्ञ बतौर शिरकत कर संकटकाल में मीडियाकर्मियों और मीडिया की भूमिका पर प्रकाश डाला।</p>
<p>अखिलेश शर्मा ने वेबिनार में शामिल छात्रों, मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड-19 के संकटकाल में मीडियाकर्मियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों तक न्यूज़ पहुंचाकर सरकार और प्रशासन का ध्यान लोगों की समस्याओं के प्रति आकर्षित करवा रहे हैं और लोगों की सुविधा के प्रति जागरूक भी करवा रहे हैं। उन्होने यह भी कहा कि सरकारों ने मीडिया कर्मियों की व्यक्तिगत सुरक्षा पर कम ध्यान दिया जा रहा है। अखिलेश शर्मा ने विषेशतौर पर मीडिया के छात्रों को प्रेरित किया किया कि अब जर्नलिज़्म का कार्य करने का तरीका बदल गया है, इसलिए छात्रों और मीडिया कर्मियों को भी चुनौतियों का सामना करते हुए टेक्नालजी का इस्तेमाल कर राष्ट्रसेवा और जनसेवा में योगदान देना बरकरार रखना है।</p>
<p>लोकसभा टीवी के मुख्य संपादक अशीस जोशी ने अपने वक्तव्य में कहा कि कोरोना संकट के चलते मीडिया वितीय संकट से गुज़र रही है और टीवी मीडिया को बहुत कुछ सीखने और करने का मौका मिला है और इस संकटकाल में अब काम ज्यादा करना पड़ रहा है क्योंकि अब लोग टीवी के मायने को समझ रहे हैं।</p>
<p>दूरदर्शन केंद्र शिमला की निदेशक नंदिनी मित्तल ने अपने विचार सांझा करते हुए कहा कि कोरोना संकट और लॉकडाउन मीडिया के लिए एक नई चुनौती चुनौती है और तेजी से काम करना सीखाया और इससे जर्नलिज़्म की पढ़ाई करने वाले छात्रों को भी सीख मिलती है ताकि वे आने वाले नए संकटों का डटकर मुक़ाबला करें। मित्तल ने कहा कि मीडिया का एक फोरम बनें ताकि मीडियाकर्मी और सरकार के बीच तालमेल बैठाकर मानवहित में आपदाओं, फेक न्यूज़ से निपटा जा सके।</p>
<p>स्वदेश समाचारपत्र भोपाल के बयूरो हैड अरुणेश झा और शिव शर्मा ने कहा कि पत्रकार अपने लिए नहीं लड़ते बल्कि संकटों के बीच भी दूसरों के लिए लड़ते हैं। वहीं इंडियन एक्सप्रेस समाचारपत्र के पूर्व बयूरो हैड अश्वनी शर्मा ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी और संकटों के दौर में मीडिया का काम करने का तरीका बदलता जा रहा है और अब डिजिटल मीडिया और ऑनलाइन मीडिया एक विकल्प रह गया है ताकि ऐसी चुनौतियों का सामना किया जा सके और मीडिया के छात्रों को इस दिशा में नए प्रयास व कौशल सीखने होंगे।</p>
<p>कुलपति प्रो. डॉ. रमेश कुमार चौधरी ने वेबिनार में शामिल सभी मीडिया हस्तियों, मीडिया विशेषज्ञों, शिक्षकों और छात्रों का धन्यवाद करते हुए उनके सुरक्षित जीवन व जनहित में किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की। कुलपति चौधरी ने कहा कि अब मीडिया के साथ साथ हस्र क्षेत्र में काम करने के तरीके बदल रहे हैं और यह समय की मांग भी है। वहीं डीन जर्नलिज़्म डॉ. रमेश चौहान और डीन शैक्षणिक डॉ कुलदीप कुमार ने संकट काल में छात्रों को मीडिया के महत्व बारे अवगत करवाया कि किस तरह मीडिया के माध्यम से जनसेवा की जा सकती है।</p>
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