ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू एक ट्रक ड्राइवर के बेटे हैं। NSUI से अपनी राजनीति की शुरुआत कर आज मुख्यमंत्री बनकर जनता की सेवा कर रहे हैं। कोरोना में अपनी जमापूँजी दान कर दी। जब हिमाचल में भारी आपदा आई तब प्रदेश के लोगों के दुःख में दिन रात खड़े रहे। अपनी सारी जमा पूँजी दान कर दी।
लेकिन एक बात बहुत रोचक है। सुखविंदर सिंह सुक्खू 4 बार के MLA हैं। पहला चुनाव 2003 में जीते। आपको जानकर हैरानी होगी की 4 बार MLA जीतने के बाद भी सुखविंदर सिंह सुक्खू कभी मंत्री नहीं बने।
लेकिन सुक्खू ने कभी संगठन के कामों से मुँह नहीं फेरा। कभी अपनी पार्टी से गद्दारी नहीं की। कभी मंत्री पद के लिए पार्टी को ब्लैकमेल नहीं किया। NSUI से अपने संघर्ष की शुरुआत करने वाले इस गरीब के बेटे ने पार्टी और जनसेवा के कर्तव्य को ही सबसे आगे रखा।
अवसरवादी लोग 5 साल में ही पार्टी में गद्दारी के बीज बोने लगते हैं। लेकिन सुखविंदर सिंह सुक्खू जैसा जमीनी और वफादार नेता वर्षों तक बिना किसी लालच के पार्टी की सेवा करता है। अवसरवाद को हराना है, समर्पण के संग खड़े होना है।