<p>शिमला का ऐतिहासिक गेयटी थिएटर कई सांस्कृतिक और नाटकों का गवाह रहा है। यहां पर कई बड़ी हस्तियों ने अभिनय किया और आज भी यहां अभिनय करने आते हैं। सन् 1887 में ब्रिटिश आर्किटैक्ट हैनरी इरविन ने गेयटी को विक्टोरियन गोथिक शैली में बनाया था। 12वीं शताब्दी से लेकर 18वीं शताब्दी तक इस तरह के ही थियेटर बनाए जाते थे। ब्रिटिश काल के दौरान शिमला समर कैपिटल थी, उस समय अंग्रेज शिमला को कल्चरल सैंटर बनाना चाहते थे। इसलिए उन्होंने गेयटी थियेटर को निर्माण करवाया। अब विश्व भर में ऐसे मात्र 6 ही थिएटर बचे हैं। इस थिएटर को इस तरह से बनाया गया है कि माइक के बिना भी दर्शक नाटक मंचन का आनंद ले सकते है।</p>
<p>लेकिन इस थिएटर के साथ एक भूतिया कहानी भी जुड़ी हुई है। शिमला के मशहूर गेयटी थियेटर में आज भी घूमने वाले एक अंग्रेज भूत की कहानी को लेखिका मीनाक्षी चौधरी की पुस्तक 'मोर घोस्ट स्टोरीज ऑफ शिमला हिल्स " में शामिल किया गया है। ब्रिटिश शासनकाल में अंग्रेज इस थियेटर में नाटक देखा करते थे। ये कहानी थियेटर के एक अंग्रेज मैनेजर की है। माना जाता है कि रात के वक्त यह अंग्रेज मैनेजर कभी-कभी पर्दा खींचने और छोडऩे के लिए आवाज़ें लगाता सुनाई देता है। गेयटी के गलियारों में इस मैनेजर के घूमने के अहसास को भी कहानी में बयां किया गया है। गेयटी के अंग्रेज मैनेजर के भूत की कहानी है जो अभी भी थियेटर के गलियारों में घूमता है और आधी रात को बोलता जाता है, '(पर्दा) खींचो… छोड़ दो!</p>
<p>हालांकि अब गेयटी थिएटर का जीर्णोद्धार का कार्य भी हुआ है। थिएटर के वर्तमान मैनेजर सुदर्शन शर्मा से जब हमने पूछा तो उन्होंने बताया कि वह भी दूसरी बार गेयटी के मैनेजर बने है। लेकिन किसी भूत के बारे में उन्हें एहसास नही हुआ। इसके अलावा चौकीदार ने भी कभी उन्हें इस तरह की कोई बात नही बताई। जब से थिएटर का जीर्णोद्धार हुआ है उन्होंने ऐसा कुछ नही सुना।</p>
<p><img src=”/media/gallery/images/image(3815).jpeg” style=”height:340px; width:640px” /></p>
International Kullu Dussehra: जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर मैदान में आज से अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव…
विपल्व सकलानी English medium education in Himachal; हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का…
Kevin Pietersen India visit; इंग्लैंड के पूर्व स्टार बल्लेबाज केविन पीटरसन ने भारतीय क्रिकेट प्रेमियों…
Panchakarma treatment Hamirpur: हमीरपुर के जिला आयुर्वेदिक अस्पताल में अब वर्ष भर पंचकर्म पद्धति से…
Nadoun tourism development: हिमाचल प्रदेश का नादौन कस्बा, जो शिमला-मटौर फोरलेन नेशनल हाईवे और अटारी-हमीरपुर-मंडी…
Himachal education reforms: हिमाचल प्रदेश में शिक्षा सुधार के तहत अब दो किलोमीटर से…