मरीजों को आपात समय में इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाने वाली एक एंबुलेंस इन दिनों सीएमओ ऑफिस के नजदीक ही झाड़ियों में छिप कर खड़ी है. यह एंबुलेंस खराब है या ठीक है इसका भी किसी को ठीक ढंग से पता नहीं है.
लाखों रुपए की एंबुलेंस झाड़ियों के बीच खड़ी खड़ी जंग खा रही है. लेकिन इस लापरवाही की ओर कोई नजर नहीं दौड़ा रहा है. एंबुलेंस अगर खराब है तो इसे ठीक क्यों नहीं करवाया जा रहा और अगर यह चलने लायक भी नहीं है. तो इसे डिस्पोज ऑफ भी क्यों नहीं किया जा रहा.
हमीरपुर जिला में विभिन्न स्थानों पर समय अवधि पूरा कर चुकी एंबुलेंस देखकर हर कोई इस पर प्रश्नचिन्ह लगा रहा है. पिछले काफी लंबे समय से एक एंबुलेंस गाड़ी फायर ब्रिगेड और सीएमओ ऑफिस के नजदीक झाड़ियों के बीच खड़ी है.
चारों तरफ बड़ी-बड़ी झाड़ियां उग गई है. जिससे यह एंबुलेंस प्रॉपर ढंग से दूर से दिखाई भी नहीं देती है. देखने में ऐसा लगता है कि इसे छुपा कर रखा गया है. अभी एंबुलेंस यहां क्यों खड़ी है यह बड़ा सवाल है.
क्योंकि अगर यह खराब है. तो इसकी रिपेयर क्यों नहीं करवाई जा रही और अगर यह पूरी तरह से कंडम हो चुकी है. तो फिर इसकी नीलामी क्यों नहीं की जा रही है.
धीरे-धीरे इस गाड़ी को वहां खुले में जंग खा रहा है. अभी तक क्यों थी. स्वास्थ्य विभाग ने इस गाड़ी की सुध नहीं ली है. देखने में ऐसा भी लग रहा है कि इस गाड़ी की अगर प्रॉपर ढंग से रिपेयर हो जाए. तो इसका इस्तेमाल मरीजों को लाने ले जाने में किया जा सकता है. मगर साहब आंखें मूंद कर बैठे हैं. ऐसा इस गाड़ी की हालत को देखकर लगता है.
वहीं, सीएमओ आरके अग्निहोत्री ने बताया कि जिला हमीरपुर में विभिन्न स्थानों पर समय अवधि पूरी कर चुकी स्वास्थ्य विभाग की गाड़ियों को इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है और इन गाड़ियों की इंस्पेक्शन कंडमैंशन पूरी करने के लिए कमेटी का भी गठन किया गया है.
उन्होंने बताया कि जल्द ही इसकी रिपोर्ट मांगी गई है. ताकि इन गाड़ियों की ऑप्शन प्रक्रिया शुरू की जाएगी. डॉक्टर अग्निहोत्री ने कहा कि इन गाड़ियों के स्थान पर नई गाड़ियां भी विभाग के पास आ चुकी हैं जिनका इस्तेमाल चल रहा है.
गौरतलब है कि मरीजों को इमरजेंसी के समय अस्पताल समय पर पहुंचाने के लिए एंबुलेंस सबसे अहम भूमिका निभाती है. इनकी हमेशा से ही कमी रहती है.