पहाड़ों की रानी शिमला जिसे स्मार्ट सिटी का दर्जा दिया गया है। यहां पूरे शहर की हर नई पुरानी दीवार पर ABVP का कब्ज़ा हो गया है। आलम ये है कि जो सैलानी और स्थानीय नागरिक शिमला की खूबसूरती निहारने आता है आज बदरंग हुई दीवारों को देखकर हताश हो रहा है। स्थिति ये है कि शिमला शहर की जिस सड़क पर भी जाओ हर दीवार पर वॉल राइटिंग कर सिर्फ और सिर्फ ABVP लिखा गया है। यही नहीं हाईकोर्ट बार चैंबर की दीवारों को भी नहीं छोड़ा। जबकि ये सब प्रतिबंधित है और किसी भी तरह से वॉल राइटिंग करना कानूनी अपराध है जिसके लिए सख्त सजा का प्रावधान है। बावजूद इस लगता है कि सत्ता के नशे में चूर युवा पीढ़ी कानून को ठेंगे पर रखकर सरेआम नियमों का उल्लंघन कर रही है।
हाल ही में हिमाचल हाईकोर्ट ने हिमाचल सरकार और नगर निगम प्रशासन को सख्त आदेश जारी कर शहर के हर कोने से होर्डिंग और पोस्टर हटाने को कहा था। लेकिन फिर भी ABVP द्वारा वाल राइटिंग करना शहर की सुन्दरता को ग्रहण लगाने जैसा है।
कांग्रेस लीगल सैल के अध्यक्ष और प्रदेश प्रवक्ता आईएन मेहता ने कहा कि हिमाचल प्रदेश ओपन प्लेसीज प्रिवेंशन ऑफ डिस्फीगरमेंट एक्ट-1985 के एक्ट के तहत किसी को भी इस तरह से वॉल राइटिंग की इजाजत नहीं है। इस मामले में अदालत और पुलिस संज्ञान लेकर कार्रवाई कर सकते हैं लेकिन इस राजधानी में इस तरह से खुलेआम वॉल राइटिंग करने पर प्रशासन को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि जल्द प्रशासन ने इस मामले पर कार्रवाई न की तो मजबूरन कांग्रेस लीगल सैल कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा।
नगर निगम शिमला के पूर्व महापौर शशि शेखर चीनू ने कहा कि नगर निगम प्रशासन पूरी तरह से फेल हो गया है। निगम प्रशासन को तुरन्त इस मामले में कार्रवाई करनी चाहिए। शिमला विश्वविख्यात पर्यटन स्थल है यहां देश विदेश से सैलानी पहाड़ों की खूबसूरती निहारने आते हैं इस तरह की वाल राइटिंग से शिमला की छवि खराब होगी जो शर्मनाक है।
वहीं, नगर निगम आयुक्त आशीष कोहली ने भी माना की शहर की दीवारों पर इस तरह लिखना न्यायालय के आदेशों की अवमानना है। नगर निगम की टीम इस पर कार्यवाही कर रही है। हैरानी ये है की जब शहर की सारी दीवारें रंगी जा रही थी उस वक़्त निगम कहां सोया हुआ था।