भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच आने वाले समय में प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने जा रहा है। भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच के अध्यक्ष बीआर कौंडल ने कहा कि प्रदेश के किसानों से राज्य सरकार ने धोखा किया है। कंपनी के अधिकारियों ने जानबूझकर प्रभावित किसानों के मामलों को एक साल तक लटकाए रखा और बाद में जब डिविजनल कमिशनर द्वारा दिए गए फैसलों को अदालत में चुनौती देकर निरस्त करवाने की कोशिश की है।
उन्होंने कहा कि गत वर्ष धर्मशाला विधानसभा प्रदर्शन के उपरांत वरिष्ठ मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने तीस जनवरी तक प्रभावित किसानों के पास आने की बात कही थी। मगर आज तक इस मामले के समाधान के लिए गठित कमेटी ने भूमिअधिग्रहण प्रभावितों के साथ बात नहीं की है। ऐसे में अब भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच प्रदेश व्यापी आंदोलन शुरू कर सरकार को घेरने का प्रयास करेगा।
वहीं पर मंच के संयोजक जोगिंद्र वालिया ने कहा कि अगर 28 फरवरी तक प्रभावितों के साथ वार्ता नहीं की जाती है तो पहली मार्च से सात मार्च तक कमेटी के सदस्य मंत्रियों महेंद्र सिंह ठाकुर, गोविंद सिंह ठाकुर और राकेश पठानिया का उनके गृह जिलों में घेराव किया जाएगा।
जोगिंदर वालिया ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण द्वारा फोरलेन व रेलवे लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है। इनमें भूमि अधिग्रहण, 2013 कानून पुनस्र्थापना, पुनर्वास व चार गुना मुआवजा को राज्य सरकार लागू नहीं कर रही है। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्र सरकार भूमि अधिग्रहण कानून, 2013 के अनुसार चार गुना मुआवजा, पुनर्वास व पुनस्र्थापना को लागू करने को राजी है। वहीं साथ लगते राज्य उत्तराखंड में चार गुना मुआवजा दिया जा रहा है। जबकि डबल इंजन सरकार कौडिय़ों के भाव जमीन लेकर किसानों को बर्बाद करने पर तुली है।
उन्होंने कहा कि किसानों में भारी गुस्सा है और सरकार के खिलाफ पुरे प्रदेश में एक व्यापक प्रदेश स्तरीय भूमि-अधिग्रहण प्रभावित एकजुटता बनाने के लिए भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच बनाया गया है। जो लगातार प्रभावितों की मुख्य मांग भूमि अधिग्रहण कानून को लागू करने की आवाज उठाता रहेगा। इसके लिए आने वाले दिनों में अन्य संगठनों से मिलकर प्रदेश स्तरीय आन्दोलन विकसित किया जाएगा।
वहीं सह-संयोजक नरेश कुकू ने कहा की भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच प्रदेश सरकार से मांग करता है कि समय रहते हिमाचल में स्थानीय जनता को टोल टैक्स में रियात,दुकानदारों के इजेंट राइट्स,मार्केट रेट व एक बराबर मुआवजा, प्रस्तावित सडक़ के बाहर परियोजना से प्रभावित मकानों, जमीन का नुक्सान का मुआवजा देने, 50 मीटर टीसीपी लागू करने को निरस्त किया जाए, मंडलीय न्यायलय में लंबित जमीन अधिग्रहण के मामलों की निर्धारित समय सीमा में सुनवाई कि जाए।
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