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हिमाचल प्रदेश विधानसभा का चार दिवसीय शीतकालीन सत्र बुधवार से धर्मशाला के तपोवन में शुरू होगा
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मुख्यमंत्री, मंत्री और अधिकारी इस सप्ताह शिमला में नहीं होंगे; पूरी सरकार धर्मशाला रवाना
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लैंड सीलिंग एक्ट संशोधन और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर सत्र में सत्ता-विपक्ष में टकराव की संभावना
Tapovan Dharamshala session : हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र बुधवार से कांगड़ा जिले के धर्मशाला स्थित तपोवन में शुरू होने जा रहा है। इस चार दिवसीय सत्र के लिए पूरी सरकार मंगलवार को शिमला से धर्मशाला रवाना होगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू दोपहर बाद धर्मशाला पहुंचेंगे, जबकि संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान पहले ही धर्मशाला पहुंच चुके हैं। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना दिल्ली में चीफ सेक्रेटरी कॉन्फ्रेंस से सीधे धर्मशाला जाएंगे।
सत्र के दौरान विपक्षी पार्टी भाजपा भ्रष्टाचार के मुद्दों को प्रमुखता से उठाने की तैयारी में है। भाजपा ने पहले ही मुख्यमंत्री कार्यालय पर गंभीर आरोप लगाते हुए ‘कच्चा चिट्ठा’ नाम का दस्तावेज राज्यपाल को सौंपा था। इस मुद्दे को लेकर सदन में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी नोकझोंक होने की संभावना है।
इसके अलावा, कांग्रेस सरकार लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन का विधेयक लाने जा रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने हमीरपुर के भोटा अस्पताल की जमीन को राधा स्वामी सत्संग ब्यास की संस्था के नाम ट्रांसफर करने का आश्वासन दिया है। लैंड सीलिंग एक्ट के प्रावधानों के अनुसार, दान की हुई जमीन का ट्रांसफर संभव नहीं है। ऐसे में कांग्रेस सरकार एक्ट में संशोधन करने की तैयारी कर रही है, जिस पर विपक्ष के विरोध की संभावना है। गौरतलब है कि भाजपा की पूर्व सरकार भी इसी संशोधन को लाना चाहती थी, लेकिन तब कांग्रेस ने इसका विरोध किया था।
भाजपा सत्र के पहले दिन बुधवार को धर्मशाला के जोरावर स्टेडियम में विरोध प्रदर्शन करने जा रही है। इस प्रदर्शन को देखते हुए भाजपा और कांग्रेस दोनों ने अपने-अपने विधायक दल की बैठक बुलाई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर मंगलवार शाम को अपनी-अपनी पार्टी की रणनीति तैयार करेंगे।
चार दिन तक चलने वाले इस सत्र के दौरान तपोवन में सत्ता और विपक्ष के बीच कई अहम मुद्दों पर गर्मागर्म बहस होने की उम्मीद है।