<p>मत्स्य पालन विभाग ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश के जलाश्यों में मछली के बिक्री रेट ई-टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से सभी सभाओं में एक समान होंगे ताकि समस्त मछुआरों को लाभ मिल सके और उनकी आमदनी में बढ़ोतरी हो। इस बारे में जानकारी देते हुए विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि इससे पहले खुली नीलामी अथवा सहमति प्रक्रिया द्वारा सभी मछुआरा सभाओं में मछली रेट अलग-अलग होते थे।</p>
<p>प्रवक्ता ने कहा कि ई-टेंडर प्रक्रिया के बाद भी सभाओं की कार्यप्रणाली और मछली पकड़ने की प्रक्रिया यथावत् रहेगी, जिससे मछुआरों के हित सुरक्षित रहेंगे। ई-प्रक्रिया में 50 प्रतिशत मछली स्थानीय बिक्री के लिए उपलब्ध रहेगी जिससे वर्तमान ठेकेदारों को मछली व्यवसाय में कोई विपरीत असर नहीं पड़ेगा। 50 प्रतिशत मछली की ब्रांडिग संबंधित ठेकेदार द्वारा किए जाने का भी प्रस्ताव है।</p>
<p>इस विषय पर समस्त मछुआरा सहकारी सभाओं के साथ शीघ्र बैठक करके इस प्रक्रिया द्वारा होने वाले लाभों बारे चर्चा की जायेगी और इस बारे में सभाओं की सहमति प्राप्त करने के उपरांत ही अगली कार्यवाही की जायेगी।</p>
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