1 जून को आप अपना मत डाल कर आएंगे। मुझे आर्शीवाद मिल जाएगा। आपका मत ही मेरा आर्शीवाद बनेगा। ये बात है निर्वाचन आयोग हिप्र के स्टेट आईकन जसप्रीत पॉल ने टशीगंग के मतदाताओं से कही है। ये उन्होंने तब कहा जब समुद्र तल से 15 हजार 256 फीट की उंचाई पर स्थित विश्व के सबसे उंचे मतदान केंद्र टशीगंग में शिमला से अपनी साईकिल के माध्यम से पहुंचे तो वे काफी भावुक हो गए।
टशीगंग के मतदाताओं से जब वह बात करने लगे तो उन्होंने कहा कि मेरे ये गर्व की बात है कि लोगों को जागरूक करने के लिए टशीगंग आया हूं। रास्ते में तीन जिलों में हजारों लोगों से मिल कर मतदान की अपील की। लोगों का स्नेह इस सफर में जो मिला है वो मुझे लोकतंत्र के प्रति और मजबूत बना रहा है। उन्होंने टशींगंग के लोगों वायदा किया है कि अगर 1 जून को 100 प्रतिशत मतदान टशीगंग में होगा तो एक बार फिर साईकिल से ही यहां आभार व्यक्त करने के लिए आएंगे। ये बात भले सुनने में छोटी लगे। लेकिन ये प्ररेणादायक है कि किस तरह 450 से अधिक किलोमीटर का सफर पूरा करके सिर्फ अपने लिए नहीं बल्कि दूसरों को जागरूक करने के लिए किया गया।
हिमाचल प्रदेश के चुनावों के समय मतदाताओं को जागरूक करने के लिए पहली बार शिमला से टशीगंग के लिए साईकिल एक्सपीडीशन निकाली गई। इस एक्सपीडीशन में जसप्रीत पॉल और क्षितिज ठाकुर ने अपनी साईकिल के माध्यम से सफर पूरा किया है। जसप्रीत पॉल पिछले कुछ सालों से साईकिल चला रहे है। लेकिन क्षितिज ठाकुर ने पहली बार इतना लंबा सफर साईकिल पर किया गया। जसप्रीत पॉल मंडी जिला से संबध रखते है और सिंतबर 2020 से प्रोफेशनली साईकिल चला रहें है।
जसप्रीत पॉल ने अभी हाल ही में अगस्त माह में आजादी के अमृत महोत्सव के तहत मिशन कारगिल में भाग लेकर मनाली से कारगिल तक का सफर जांस्कर घाटी से होते हुए सात दिनों में साइकिल से पूरा कर एक अलग रिकॉर्ड बनाया है। छह लोगों के दल ने इस मिशन कारगिल के 585 किलोमीटर के सफर को साइकिल से फतह किया था जिसमें जसप्रीत पॉल भी शामिल थे। फायरफॉक्स-फायरस्ट्रोम चौलेंज 2021 में देश में पहला स्थान जसप्रीत हासिल किया है। इसके साथ ही कई जिलास्तरीय प्रतियोगिताओं में भी वह विजेता रह चुके है। इसके साथ ही उन्होंने तीन प्रमुख यात्राएं साइकलिंग के माध्यम से पूरी की है जिसमें की पहली यात्रा मंडी के थूनाग से चंद्रताल,रोहतांग पास से होते हुए चार दिन में पूरी की है। वहीं दूसरी यात्रा मनाली से चंबा वाया उदयपुर,किलाड़ से होते हुए साच पास दर्रे को भी साइकिल पर पार किया है। तीसरी यात्रा उन्होंने शिमला से चांसल पास तक कि साइकिल पर पूरी की है। इसके साथ ही साइकिल चौंपियनशिप की बात की जाए तो जसप्रीत पॉल ने 23 जून से 26 जून तक आयोजित हुई फर्स्ट एमटीवी हिमाचल चौंपियनशिप में तीसरा स्थान हासिल किया है।
वहीं हाल ही में जसप्रीत ने मंडी जिला की सबसे ऊंची चोटी शिकारी देवी जो की 3358 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है उसे भी अपनी साइकिल के माध्यम से फहत किया हैं। उन्होंने एक ही दिन में मंडी से साइकिल पर शिकारी देवी तक जाने और वापिस मंडी आने का रिकॉर्ड भी दर्ज किया हैं। जसप्रीत की इस उपलब्धि पर उपायुक्त मंडी अरिंदम चौधरी ने भी उन्हें बधाई दी हैं। जसप्रीत मंडी जिला के दुर्गम क्षेत्रों की कई ऊंची चोटियां भी अपनी साइकिल के माध्यम से फतह कर चुके हैं। जसप्रीत पहले ऐसे साइकलिस्ट हैं जो जिला मंडी के प्रसिद्ध देव स्थल कमरुनाग तक साइकिल से पहुंच चुके हैं। इसके साथ ही मंडी से शेटाधार जो कि एक प्रसिद्ध देव स्थल हैं वहां तक का सफर थलौट,थाची,शेटाधार,चेत, थुनाग, चौल चौक, डडौर होते हुए मंडी तक का 72 किलोमीटर का सफर जसप्रीत ने साइकिल से एक दिन में पूरा किया हैं।
कमरुनाग सहित मंडी जिला के साथ ही कुल्लू तक के दुर्गम क्षेत्रों की राइड साइकिल से एक ही दिन में पूरा करने के कई रिकॉर्ड भी जसप्रीत अपने नाम कर चुके हैं।
क्षितिज ठाकुर शिमला के रहने वाले है । इन्फोसिस में पिछले लंबे समय से जॉब कर रहे है। पहले शौकिया तौर पर ही साईकिल चलाते थे। लेकिन कभी लंबा सफर साईकिल के माध्मय से नहीं किया। इनके दोस्त जसप्रीत ने जब इस बार निर्वाचन आयोग साईकिल एक्सपीडीशन के बारे में बताया तो क्षितिज ने तुरंत जाने की हामी भर दी। क्षितिज ने कहा कि शुरू शुरू में बड़ी दिक्कतें आई । लेकिन जब लोग मिलते थे और कहते थे कि आपकी हिम्मत सच में काबिले तारीफ है तो हौंसला और बढ़ता गया। अब तो मैं भविष्य में इसी तरह की एक्सपीडीशन में हिस्सा लिया करूंगा।
हिमाचल के अन्य हिस्सों में जहां तापमान 40 पार तक पहुंच गया है वहीं अभी बर्फ से स्पिति की कई पहाड़ियां ढकी हुई है। आक्सीजन की भारी कमी, सरपीली सड़के, ऑफ रोड़ के लिए दुनिया भर में अपनी पहचान बनाने वाली स्पिति में शिमला से साईकिल के माध्यम से विश्व के सबसे बड़े मतदान केंद्र पर पहुंच कर मतदाताओं के लिए संदेश देना एक प्ररेणादायक प्रयास है। लाहुल स्पिति की भूगौलिक परिस्थतियों से लोहा मनवाते हुए अपने इस सफर को पूरा करके एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। आइए तो इस बार एक जून 2024 को हम और आप सब मिल कर अधिक से अधिक संख्या में मतदान करने का प्रण लें।