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चक्रवाती तूफान ‘बुलबुल’ के बंगाल तट से टकराने से हुई 2 की मौत

समाचार फर्स्ट डेस्क |

चक्रवाती तूफान बुलबुल ने पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्र पर अपनी दस्तक दे दी है। इसके चलते पश्चिम बंगाल में जगह-जगह बारिश के साथ तेज हवाएं चल रही हैं। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अभी तक दो लोगों की मौत होने की संभावना जताई जा रही है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार फिलहाल चक्रवात का दबाव सुंदरबन नेशनल पार्क से 12 किमी दक्षिण पश्चिम की ओर पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटीय इलाकों पर बना हुआ है। तटीय बांग्लादेश और इससे सटे दक्षिण और उत्तर 24 परगना जिले तक पहुंचते-पहुंचते तूफान कमजोर पड़ सकता है। दूसरी ओर प्रशासन की तरफ से राहत और बचाव कार्य युद्ध-स्तर पर चल रहा है। लाखों को प्रभावित इलाकों से निकालकर राहत शिविर में पहुंचाया गया है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि वे खुद स्थिति की निगरानी कर रही हैं और बुलबुल तूफान से लड़ने के लिए प्रशासन इंतजाम कर रहा है। उन्होंने नागरिकों से शांति कायम रखने और परेशान न होने का आग्रह किया है। बता दें कि अगले 6 घंटो के दौरान पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटों पर समुद्र में हाइटाइड आएंगे। बंगाल की खाड़ी के उत्तर पश्चिम में समुद्र में स्थिति काफी गंभीर रहेगी। इसके बाद इसमें धीरे-धीरे सुधार होगा। मौसम विभाग ने मछुआरों को अगले 12 घंटों के दौरान उत्तर ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों पर समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। इसी के साथ अगले 18 घंटे के लिए बंगाल की उत्तरी खाड़ी में भी न जाने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही अगले 36 घंटों में मेघालय, मिजोरम और असम में हल्की बारिश होने की संभावना है।

वहीं, ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में चक्रवात बुलबुल का प्रभाव भले ही न के बराबर हो, लेकिन प्रदेश के तटीय जिलों में इसका खासा प्रभाव देखने को मिला। भद्रक जिले के तालचुआए में समुद्र में गिर जाने से मयुरभंज जिले के उदला निवासी लाल मोहन सिंह नाम के नाविक की मौत हो गई। धामरा बंदरगाह के कालीनाली में मछली पकड़ने वाली नाव के डूब जाने से उसपर सवार 11 मछुआरे लापता हो गए। उनकी तलाश की जा रही है।