दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार को करारा झटका लगा है। राष्ट्रपति ने चुनाव आयोग की उस सिफारिश को मंजूरी दे दी है, जिसमें आयोग ने आम आदमी पार्टी के 20 विधायको को अयोग्य करार दिया था। इसी के साथआम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता भी समाप्त हो गई है। लाभ के पद का विवाद खड़ा होने के बाद चुनाव आयोग ने आप के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित कर अपनी सिफारिश राष्ट्रपति को सौंपी थी। राष्ट्रपति ने इसे अपनी मंजूरी दे दी है। आप विधायकों को अयोग्य घोषित करने को लेकर सरकार ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है।
आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग की अनुशंसा आने के बाद राष्ट्रपति से मिलने की अनुमति मांगी थी। पार्टी का आरोप था कि बिना विधायकों का पक्ष सुने चुनाव आयोग ने अपना फैसला सुना दिया है। हालांकि इस मुलाकात से पहले ही राष्ट्रपति ने विधायकों की सदस्यता रद्द करने को अपनी मंजूरी दे दी। हालांकि विधायकों के अयोग्य करार दीए जाने से अरविंद केजरीवाल की सरकार को कोई खतरा नहीं है। लेकिन जिस तरह से इन विधायकों को लाभ के पद में दोषि मानते हुए इनकी सदस्यता रद्द की गई है वो कहीं ना कहीं अरविंद केजरीवाल की साख पर दाग जरूर लगा है।
अब आम आदमी पार्टी के सामने केवल कोर्ट में जाने का ही विकल्प बचा है। हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई सोमवार को होनी है। हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली तो आप सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है। अगर आप अपने विधायकों की सदस्यता रद्द होने के फैसले को स्वीकार करती है तो अब दूसरा रास्ता उपचुनाव का ही बचता है। वहीं बीजेपी और कांग्रेस की नजर भी आदालत के फैसले पर टिकी।