अब देश की थलसेना, वायुसेना और नौसेना में 4 साल के लिए युवाओं की भर्ती की जाएगी। मंगलवार को केंद्र सरकार ने नई भर्ती प्रक्रिया ‘अग्निपथ’ की घोषणा की है। इस नई भर्ती प्रक्रिया के तहत भर्ती होने वाले जवानों को ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा। 4 साल सेवा के बाद इन जवानों को रिटायर्ड कर दिया जाएगा। इसमें से 25 फीसदी जवानों को फिटनेस के आधार पर दौवारा से बुलाया जाएगा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस नई भर्ती स्कीम का ऐलान करते हुए कहा, “पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने रक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। रक्षा क्षेत्र में एफडीआई जैसे महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। सरकार का इरादा सेना को विश्वस्तरीय फौज बनाना है। इसके लिए सरकार अब ‘अग्निपथ’ योजना ला रही हैं। इस योजना में भारतीय नौजवानों को सेना में सेवा का अवसर प्रदान किया जाएगा। यह योजना हमारे युवाओं को सेना में अवसर देने और फौज को पहले से ज्यादा आधुनिक बनाने का काम करेगी।”
उन्होंने कहा कि ‘अग्निपथ’ के जरिए सेना का प्रोफाइल युवा बनाया जाएगा। वहीं, इस योजना से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। अग्निवीरों को अच्छा पैकेज मिलेगा और एग्जिट के समय अच्छी रकम दी जाएगी। ‘अग्निपथ’ योजना चार साल की होगी। चार साल की सेवा पूरी करने वाले युवाओं को रिटायर के समय डिग्री एवं सर्टिफिकेट दिया जाएगा। वहीं, 4 साल की सेवा के बाद रिटायर होने वाले 25 प्रतिशत युवाओं को फिटनेस के आधार पर सेवा का फिर मौका दिया जाएगा। 4 साल में 6 महीने की बेसिक ट्रेनिंग जाएगी। ‘अग्निपथ’ योजना में रिटायर होने वाले युवाओं की उम्र 21-22 साल होगी। यह योजना अमेरिका और इजरायल में पहले से लागू है।
‘अग्निपथ’ योजना के बारे में बताते हुए लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने बताया कि ‘अग्निवीर’ नए जवान होंगे जो देश की सुरक्षा करेंगे। चार साल तक सेना में काम करने के बाद उनका बॉयोडेटा शानदार होगा। सेना में काम करने के बाद वे समाज में अलग दिखेंगे। पुरी ने कहा कि अभी सेना की औसत उम्र 32 साल है। आने वाले छह से सात सालों में यह उम्र सीमा घटकर 26 साल हो जाएगी। सेना में व्यापक बदलाव के लिए तकनीकी दक्षता एवं आधुनिक सोच रखने वाले युवाओं की भर्ती की जाएगी।
बता दें कि पहली भर्ती 90 दिन अग्निवीरों की होगी। अगर देश की सेवा के दौरान कोई अग्निवीर शहीद हो जाता है, तो उसके परिजनों को सेवा निधि समेत 1 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि ब्याज समेत दी जाएगी। इसके अलावा बाकी बची नौकरी का भी वेतन भी परिवार को दिया जाएगा। इस दौरान यदि कोई अग्निवीर अपने काम के दौरान डिसेबल हो जाता है, तो उसे 44 लाख रुपए तक की राशि मुहैया कराई जाएगी। साथ ही बाकी बची नौकरी का भी वेतन भी दिया जाएगा। सेना के लिए होने वाली ये भर्तियां पूरे देश में मेरिट के आधार पर होंगी।