इंडिया

पति की बिगड़ी आदतें पत्नी को अंदर से कर रही खोखला! जानें AIIMS के अध्ययन में क्या हुआ खुलासा?

पुरुषों की गलत आदतों का खामियाजा कई बार उनकी जीवन संगिनी को भुगतना पड़ता है। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डाक्टरों द्वारा किए गए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि इंजेक्शन से ड्रग्स लेने वाले पुरुषों के नशे की लत उनकी पत्नियों की जान पर भारी पड़ रही है। वे यौन रोग, एचआइवी, टीबी, एनीमिया, अवसाद, घबराहट इत्यादि शारीरिक और मानसिक बीमारियों से पीड़ित हो रही हैं। उन्हें पति के नशे की लत की भारी कीमत गर्भपात के रूप में भी चुकानी पड़ रही है। इससे इंजेक्शन से ड्रग्स लेने वाले पुरुषों की 55.8 प्रतिशत पत्नियां गर्भपात व गर्भ में बच्चे की मौत (स्टिल बर्थ) का दर्द ङोलने को मजबूर होती हैं।

एम्स के नेशनल ड्रग डिपेंडेंस ट्रीटमेंट सेंटर द्वारा किया गया यह अध्ययन हाल ही में मेडिकल जर्नल (इंडियन जर्नल आफ पब्लिक हेल्थ) में प्रकाशित हुआ है। एम्स के डाक्टरों ने यह अध्ययन दिसंबर 2019 से फरवरी 2020 के बीच दिल्ली की 433 महिलाओं पर किया है। इन सभी महिलाओं के पति इंजेक्शन से ड्रग्स लेते थे।

एम्स के नेशनल ड्रग डिपेंडेंस ट्रीटमेंट सेंटर के अतिरिक्त प्रोफेसर डा. रविंद्र राव ने कहा कि इस अध्ययन के माध्यम से यह जानने की कोशिश की गई कि इंजेक्शन से नशीली दवाएं लेने वाले पुरुषों की पत्नियों को किस तरह की शारीरिक व मानसिक परेशानी होती है? अध्ययन में पाया गया है कि यौन रोग, एचआइवी, टीबी इत्यादि बीमारियां अधिक होती है।

पति के नशे की लत से परिवार की सामाजिक दूरी भी बढ़ गई। अध्ययन में शामिल 59.8 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि पति के नशे की लत के कारण दूसरे लोग व रिश्तेदारों ने उनके घर आना कम कर दिया है। अध्ययन की रिपोर्ट के अनुसार एक चौथाई महिलाएं कम से कम एक विशिष्ट लक्षण वाले यौन रोग से पीड़ित रह चुकी थीं, जबकि इलाज सिर्फ 9.1 प्रतिशत महिलाओं का हुआ था। ज्यादातर महिलाओं का इलाज भी नहीं हुआ। इसी तरह 11 प्रतिशत महिलाएं टीबी व 90.8 प्रतिशत महिलाएं अवसाद से पीड़ित रह चुकी थीं। इंजेक्शन से ड्रग्स लेने वाले पुरुषों की पत्नियों की प्रजनन दर भी अधिक थी। अध्ययन में शामिल ज्यादातर महिलाओं ने औसतन चार बार गर्भधारण किया।

डा. रविंद्र राव ने कहा कि अशिक्षा व प्रजनन दर अधिक होने से उन्हें गर्भपात व गर्भ में बच्चे की मौत की समस्या अधिक हुई। नशा करने वाले पुरुष अपनी पत्नियों को शारीरिक, मानसिक व आर्थिक रूप से प्रताड़ित भी करते हैं। इससे उनमें शारीरिक व मानसिक बीमारियां सामान्य लोगों से अधिक हैं। इसलिए उन्हें अधिक मदद की जरूरत है। इंजेक्शन से ड्रग्स लेने वाले पुरुषों की 55.8 प्रतिशत पत्नियों को हुआ गर्भपात, एचआइवी, टीबी, अवसाद जैसी शारीरिक और मानसिक बीमारी से हो रहीं पीड़ित।

Balkrishan Singh

Recent Posts

रेलवे कर्मियों को बोनस, खेती-बाड़ी की योजनाओं और तेल-तिलहन के लिए राष्ट्रीय मिशन को मिली मंजूरी

  मुख्य बिंदु: रेलवे कर्मियों को 2028.57 करोड़ रुपये का बोनस। 10,103 करोड़ रुपये के…

2 hours ago

हिमाचल प्रदेश सरकार ने 888 आवश्यक दवाओं और 273 चिकित्सा उपकरणों की खरीद को दी मंजूरी

  Shimla: हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य के स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए एक…

2 hours ago

शिमला में महिला के साथ बैंक कर्मी ने की धोखाधड़ी, ₹5,238 की किस्त कटने पर हुआ खुलासा

  Shimla: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में बैंक कर्मी ने महिला खाता धारक के…

2 hours ago

शिक्षकों के विदेश दौरे के बनाए नियम, 100% रिजल्ट देने वाले होंगे योग्य

  शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के विदेश दौरे को लेकर…

2 hours ago

खेलों से युवाओं को नशे से दूर रखना होगा संभव: कुलदीप सिंह पठानिया

  मलकवाल में दो दिवसीय राष्ट्रीय जूनियर कुराश चैंपियनशिप का समापन नूरपुर: हिमाचल प्रदेश विधानसभा…

3 hours ago

हिमाचल स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी: सुझावों के लिए कमेटी ने खोला रास्ता, 4 नवंबर को अगली बैठक

  शिमला: हिमाचल प्रदेश में स्ट्रीट वेंडर्स के लिए एक समुचित नीति तैयार करने को…

6 hours ago