➤ फिल्म ‘शोले’ के मशहूर जेलर असरानी का 84 वर्ष की उम्र में निधन
➤ चार दिन से मुंबई के आरोग्यानिधि अस्पताल में थे भर्ती
➤ शाम को परिवार की मौजूदगी में हुआ अंतिम संस्कार
भारतीय सिनेमा के दिग्गज अभिनेता और कॉमेडियन असरानी अब हमारे बीच नहीं रहे। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अपनी हास्य भूमिकाओं से अमिट छाप छोड़ने वाले असरानी का सोमवार दोपहर निधन हो गया। वह पिछले चार दिनों से मुंबई के आरोग्यानिधि अस्पताल में भर्ती थे, जहां आज दोपहर करीब तीन बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। असरानी 84 वर्ष के थे। उनके निधन के कारणों का खुलासा अभी नहीं हुआ है, लेकिन उनके मैनेजर ने बताया कि आज शाम ही उनका अंतिम संस्कार किया गया।
बताया जाता है कि असरानी के अंतिम संस्कार में परिवार और करीबी लोग मौजूद रहे। सोशल मीडिया पर उनके अंतिम संस्कार की तस्वीरें सामने आई हैं, जिनसे उनके प्रशंसक भावुक हो उठे हैं।
असरानी ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत 1960 के दशक में की थी। उन्होंने साहित्य कलाभाई ठक्कर से अभिनय की शिक्षा ली और 1964 में फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, पुणे से औपचारिक प्रशिक्षण प्राप्त किया। असरानी को पहला ब्रेक फिल्म ‘हरे कांच की चूड़ियां’ से मिला, जिसमें उन्होंने अभिनेता बिश्वजीत के दोस्त का किरदार निभाया।
1970 के दशक में असरानी ने कॉमेडियन के रूप में बॉलीवुड पर राज किया। उनकी फिल्मों में ‘शोले’, ‘चुपके चुपके’, ‘छोटी सी बात’, ‘रफू चक्कर’, ‘फकीरा’, ‘पति पत्नी और वो’ जैसी ब्लॉकबस्टर शामिल हैं। ‘शोले’ में उनका जेलर का किरदार आज भी दर्शकों के दिलों में जिंदा है।
राजेश खन्ना के साथ असरानी की दोस्ती भी फिल्मी दुनिया में मिसाल रही। दोनों ने साथ मिलकर 25 फिल्मों में काम किया। राजेश खन्ना अक्सर निर्माताओं से कहते थे कि “असरानी को भी फिल्म में लेना है।”
2000 के दशक में भी असरानी ने ‘हेरा फेरी’, ‘गरम मसाला’, ‘भागम भाग’, ‘मालामाल वीकली’ जैसी फिल्मों से दर्शकों को खूब हंसाया। हास्य के साथ-साथ असरानी ने ‘खून पसीना’ जैसी फिल्मों में गंभीर किरदारों से भी अभिनय का लोहा मनवाया।
उनके निधन से बॉलीवुड में शोक की लहर है। फिल्मी सितारों और प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दी है। असरानी ने अपने अभिनय से जो मुस्कान लोगों के चेहरों पर छोड़ी, वह हमेशा याद की जाएगी।



