साध्वी यौन शोषण और हत्या के मामले में सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम को अब जेड प्लस सुरक्षा दी गई है। डेरा मुखी फरलो पर जेल से बाहर है। सोमवार को ही हरियाणा सरकार ने राम रहीम को फरलो के खिलाफ हाईकोर्ट में पूरा रिकॉर्ड सौंपा था। सरकार ने स्पष्ट किया था कि पैरोल का निर्णय तय प्रक्रिया के तहत लिया गया है। अब इस मामले में बुधवार को निर्धारित की गई है।
उनके बाहर आने के बाद सूत्रों के हवाले से पता चला है कि गृह मंत्रालय से ऐसा इनपुट मिला था कि राम रहीम की जान को खालिस्तान समर्थकों से खतरा है। इसके चलते उन्हें ये सिक्योरिटी दी गई।
गुरमीत राम रहीम को फरलो के खिलाफ पंजाब के समाना से निर्दलीय उम्मीदवार परमजीत सिंह सोहाली ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए हरियाणा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे। याचिकाकर्ता ने कहा कि पंजाब में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राम रहीम को राजनीतिक लाभ लेने के लिए फरलो दी गई है। राम रहीम का पंजाब की कई सीटों पर गहरा प्रभाव है और ऐसे में उसकी फरलो से पंजाब में शांति भंग हो सकती है।
सुनवाई के दौरान हरियाणा के एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन ने हाईकोर्ट को बताया कि राम रहीम ने फरलो के लिए आवेदन किया था। इस आवेदन पर रोहतक मंडल के आयुक्त ने पुलिस से रिपोर्ट मांगी थी। पुलिस रिपोर्ट को आधार बनाते हुए शर्तों के साथ गुड कंडक्ट प्रिजनर्स के प्रावधान के अनुरूप फरलो पर 21 दिन के लिए अस्थायी रिहाई दी गई है। इस दौरान यदि राम रहीम शर्तों का पालन नहीं करता है तो उस स्थिति में उसकी फरलो रद्द की जा सकती है।
सीआईडी रख रही है नजर
सुनरिया जेल से आने के बाद राम रहीम को गुरुग्राम के साउथ सिटी नाम चर्चा घर डेरे में रखा गया है। इसी घर में रहने के लिए उसे प्रशासन की ओर से फरलो मिली है। पुलिस ने सुरक्षा के चलते चारों ओर से जाल लगा रखा है। वह छत पर न दिखे इसके लिए पर्दा लगाया गया है। सीआईडी के कई अधिकारी शिफ्ट के हिसाब से तैनात किए गए हैं, जोकि पल-पल की रिपोर्ट मुख्यालय को भेज रहे हैं। भेजी जाने वाली रिपोर्ट में आने वाली गाड़ियों के नंबर का जिक्र भी किया जा रहा है।