तितली तूफान ने विकराल रूप धारण कर लिया है। ओडिशा के तटिय इलाकों में 150 किलोमीटर की रफ्तार से तेज हवाएं चल रही हैं, जिससे बड़े नुक्सान का अंदेश जताया जा रहा है। प्रशासन ने सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए 3 लाख लोगों को शिफ्ट कर दिया है। तूफान के कारण गोपालपुर और बेरहामपुर में कई पेड़ उखड़ गए हैं और लोगों का बाहर निकलना मुश्किल हो गया है।
वहीं, प्रशासन ने ख़तरे से निपटने के लिए एनडीआरएफ की 18 टीमें तैनात की हैं। निचले इलाकों में रहने वाले 10,000 लोगों को बुधवार रात ही सरकारी आश्रय में भेज दिया गया है।
सरकार की तैयारियां
तुफान के चलते बचाव की तैयारीयां शुरू कर दी गई हैं। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का कहना है कि भयंकर चक्रवाती तूफान ‘तितली’ के पहुंचने से पहले ओडिशा में करीब तीन लाख लोग सुरक्षित स्थान पर पहुंचाये गये हैं। टूरिस्ट्स को भी तटों पर जाने से रोका जा रहा है। समुद्र की लहरों को खतरनाक होने से रोकने के लिए गोपालपुर के तटों पर मिट्टी डाली जा रही है ताकि लहरों को रोका जा सके। पुलिस वालों की निगरानी के लिए स्पेशल ड्यूटी लगाई गई है, तूफान की वजह से गोपालपुर पोर्ट का भी काम रोक दिया गया है।
समंदर में मछुआरों को जाने से रोका जा रहा है, क्योंकि ऊंची-ऊंची लहरें मछुआरों के लिए मुसीबत खड़ी कर सकती हैं। तूफान को ध्यान में रखते हुए छोटी-बड़ी सभी तरह की बोट समंदर में ले जाने की मनाही कर दी गई है। तितली तूफान की वजह से ओडिशा के तटीय शहरों में स्कूलों को 12 तारीख तक बंद रखने के आदेश दिए गए हैं। ट्रेनों का टाइम टेवल में भी बदलाव किया गया है।