Categories: इंडिया

Mission Gaganyaan के लिए 10 हजार करोड़ मंजूर, अंतरिक्ष में जाएंगे 3 भारतीय

<p>केंद्र सरकार ने महत्वाकांक्षी गगनयान प्रॉजेक्ट के लिए 10,000 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है। इस मिशन के तहत तीन सदस्यीय क्रू कम से कम 7 दिन के लिए अंतरिक्ष की यात्रा पर जाएगा। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि शुक्रवार को कैबिनेट ने इस अभियान के लिए राशि के आवंटन को मंजूरी दे दी। मीडिया को संबोधित करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस परियोजना में 10,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी। अंतरिक्ष पर मानव मिशन भेजने वाला भारत दुनिया का चौथा देश होगा।</p>

<p><span style=”color:#c0392b”><strong>गगनयान के यात्रियों के चुनाव का काम शुरू</strong></span></p>

<p>गगनयान के यात्रियों के चुनाव के लिए इसरो ने काम शुरू कर दिया है। इसके लिए इसरो लोगों के मेडिकल चेकअप के साथ-साथ उनके साथ कुछ माइक्रो-बायोलॉजिकल प्रयोग कर रहा है। बता दें कि अंतरिक्ष में जाने से पहले हर व्यक्ति को कई चरणों में टेस्ट पास करने होते हैं।</p>

<p>गगनयान के लिए भी इसरो एक व्यक्ति का कम से कम 10 टेस्ट करेगा। इसरो के एक अधिकारी ने कहा, &#39;वैसे तो हमने 10 पैमाने तय किए हैं लेकिन अगर जरूरत पड़ती है तो हम और टेस्ट करेंगे।&#39; इसरो चीफ के सिवन भी कह चुके हैं कि 2022 तक गगनयान भेजा जा सकेगा। इससे पहले इसरो 2020 और 2021 में दो मानवरहित मिशन भेजेगा। यह मिशन 2022 तक पूरा होगा। इस महत्वाकांक्षी प्रॉजेक्ट में मदद के लिए भारत ने पहले ही रूस और फ्रांस के साथ करार कर लिया है।</p>

<p><span style=”color:#c0392b”><strong>अंतरिक्ष मिशनों के लिए बजट में हुआ इजाफा</strong></span></p>

<p>पीएमओ राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि इसरो ने अगले तीन साल में 50 से अधिक मिशनों के लक्ष्य की अपनी रूपरेखा प्रकट की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अंतरिक्ष गतिविधियों के लिए बजट में वृद्धि की है। सिंह ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम में पिछले कुछ वर्षों के दौरान अत्यधिक सफल और वाणिज्यिक मिशनों के कारण अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।</p>

<p><span style=”color:#c0392b”><strong>कैप्सूल का हो चुका है परीक्षण</strong></span></p>

<p>गौरतलब है कि पिछले दिनों इसरो ने एक क्र एस्केप मॉड्युल यानी कैप्सुल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया, जिसे अंतरिक्ष यात्री अपने साथ ले जा सकेंगे। दरअसल, अंतरिक्ष यात्री दुर्घटना की स्थिति में कैप्सुल में सवार होकर पृथ्वी की कक्षा में सुरक्षित पहुंच सकते हैं। इसरो ने इस मॉड्यूल का विकास खुद अपने दम पर किया है।</p>

<p>&nbsp;</p>

Samachar First

Recent Posts

महात्मा गांधी ने बताया सत्य और अहिंसा का रास्ता: आशीष बुटेल

  पालमपुर: मुख्य संसदीय सचिव शहरी विकास एवं शिक्षा आशीष बुटेल ने महात्मा गांधी की…

16 hours ago

हिमाचल CM सुक्खू बोले- PM मोदी के फैक्ट गलत, कांग्रेस ने 20 महीने में 5 गारंटियां कीं पूरी

Chandigarh: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को हरियाणा में चुनाव प्रचार…

17 hours ago

कांगड़ा वैली कार्निवल: रिहर्सल के दौरान हादसा, सतिंदर सरताज की प्रस्तुति से पहले स्‍टेज में दौड़ा करंट कलाकार घायल

Kangra: आज कांगड़ा वैली कार्निवल की अंतिम सांस्कृतिक संध्या है। कुछ ही देर में सतिंदर…

17 hours ago

एमसी सोलन को प्रदूषण बोर्ड ने ठोका दस लाख जुर्माना

पार्षद और भाजपा प्रवक्‍ता शैलेंद्र गुप्‍ता ने नगर निगम पर संगीन आरोप कहा- कांग्रेस समर्थिक…

18 hours ago

सुबाथू में स्वच्छता रैली, विधायक विनोद सुल्तानपुरी सहित 30 लोगों ने किया रक्तदान

  सोलन :स्वच्छता ही सेवा 2024 अभियान के तहत मंगलवार को छावनी परिषद् सुबाथू द्वारा…

19 hours ago

अलविदा मानसून 2024: सामान्य से 18% कम बारिश, जानें आगे कैसा रहेगा मौसम

  Shimla: सामान्य से 18 फीसदी बारिश के साथ बुधवार को दक्षिण-पश्चिम मानसून हिमाचल प्रदेश…

20 hours ago