रविवार से लगातार चल रही बरसात ने मुंबई को बेहाल कर दिया है। अलग-अलग घटनाओं में अब तक चार लोगों के मारे जाने की खबर है। एक बड़ी इमारत की चहारदीवारी धसने से कई कारें मलबे में दब गईं। कई स्थानों पर जलभराव के कारण लोगों को आवागमन में भी समस्या का सामना करना पड़ा है।
कोंकण क्षेत्र में मानसून अपनी रंगत में दिखा। जिसका पूरा प्रभाव मुंबई, ठाणे, दक्षिणी कोंकण एवं समुद्रतटीय कर्नाटक में नजर आया। मुंबई में 250 मिलीमीटर से अधिक बरसात हो चुकी है। अगले दो दिनों तक इसके जारी रहने की उम्मीद है। बारिश का ज्यादा असर मुंबई उपनगर में देखने को मिला। मौसम विभाग के अनुसार सर्वाधिक बरसात मुंबई के मालाड उपनगर में दर्ज की गई।
उसके बाद पवई और मुलुंड का नंबर रहा। इस बरसात ने मुंबई महानगरपालिका की तैयारियों की भी पोल खोल दी। धारावी, सायन, माटुंगा, हिंदमाता, मालाड, कुर्ला, अंधेरी सबवे, भांडुप और लोअर परेल क्षेत्रों में सड़कों पर दो से तीन फुट पानी जमा हो गया। जिसके कारण आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हर साल की तरह इस बार भी सायन सहित कुछ और रेलवे स्टेशनों के ट्रैक पर भी पानी भर गया।
जिसका असर मध्य, पश्चिम और हार्बर रेल सेवाओं पर भी पड़ा है। गनीमत यह रही कि मुंबई की जीवनरेखा कही जानेवाली ये रेलसेवाएं धीमी गति से चलती रहीं, थमी नहीं। भारी बारिश के कारण हवाई सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं। मुंबई विमानतल के मेन रनवे पर पानी भर जाने से कुछ देर के लिए उड़ाने स्थगित करनी पड़ी थीं।