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किसानों की पक्ष में उतरे राजनीतिक दल, बीजेपी के खिलाफ होगा ‘महायुद्ध’!

<p>दिल्ली में मंगलवार को हुए किसानों के आंदोलन का कांग्रेस, सपा सहित कई राजनीतिक दलों ने समर्थन किया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसानों से कथित तौर पर हुए बल प्रयोग की निंदा की और कहा कि बीजेपी ने किसानों की पिटाई से गांधी जयंती समारोह की शुरुआत की है। अपने ट्वीटर हैंडल में उन्होंने लिखा कि &#39;विश्व अहिंसा दिवस पर BJP का दो-वर्षीय गांधी जयंती समारोह शांतिपूर्वक दिल्ली आ रहे किसानों की बर्बर पिटाई से शुरू हुआ।&#39; उन्होंने कहा, &#39;अब किसान देश की राजधानी आकर अपना दर्द भी नहीं सुना सकते!&#39;</p>

<p>इसके साथ ही कांग्रेस राष्ट्रीय कार्यकारिणी के बैठक में तय किया गया कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा किसानों से मिलेंगे और उनकी समस्याओं जानने के बाद बीजेपी से उनका हक़ दिलाया जाएगा। वहीं, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किसानों का हक़ दिलाने में जोश भरा है। राजनीतिक दलों का अचाकर किसानों को समर्थन देने कहीं न कहीं लोकसभा चुनावों के मद्दनेजर पब्लिक स्टंट भी कहा जा सकता है।</p>

<p><span style=”color:#e74c3c”><strong>सरकार ने 7 मांगे मानी</strong></span></p>

<p>वहीं, किसान संघ और गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बीच हुई बैठक बेनतीजा रही और किसानों का यह आंदोलन अभी आगे भी जारी रहेगा। इस बैठक में किसानों की 7 मांगों पर सहमति बनी लेकिन कुछ मांगों पर सहमति नहीं बन पाई। सुरेश राणा ने राजनाथ सिंह के घर के बाहर हुई बैठक खत्म होने के बाद ऐलान किया। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत किसान संघ के नेताओं के साथ गाजीपुर सीमा पर बैठे किसानों से मिले और जिन मुद्दों पर बैठक में सहमति बनी थी उनका ऐलान भी किया।</p>

<p>हालांकि, प्रदर्शनकारी किसान सरकार के फैसले से नाखुश हैं। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता युद्धवीर सिंह ने कहा कि सरकार से 11 सूत्रीय मांगों को लेकर बात हुई। सरकार 7 मांगों पर सहमत है लेकिन अबतक 4 मांगों पर सहमति नहीं जताई गई है। प्रवक्ता के मुताबिक सरकार ने कहा कि ये मांगें वित्तीय मामलों से जुड़ी हैं, जिनपर आगे होने वाली बैठक में विचार किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने किसानों की मुख्य मांगों पर ही अपना पक्ष स्पष्ट नहीं किया है।</p>

<p>ग़ौरतलब है कि किसान क्रांति यात्रा मंगलवार को दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर हिंसक हो गई थी। हालांकि दिल्ली पुलिस ने सोमवार को ही पूर्वी दिल्ली में धारा-144 लागू कर किसानों के दिल्ली में प्रवेश पर पाबंदी लगा दी थी, लेकिन इसकी परवाह किए बगैर किसान गाजीपुर बॉर्डर पर हजारों की तादाद में इकट्ठा हो गए। यूपी पुलिस की ओर से लगाए बेरीकेड को ट्रैक्टरों से तोड़ते हुए किसानों ने दिल्ली बॉर्डर पर लगाई बेरीकेडिंग को तोड़कर अंदर घुसने का प्रयास किया।</p>

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