किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी के किसान आंदोलन के निलंबन का बयान आते ही सिंघु बॉर्डर पर 378 दिनों से बैठे किसानों ने अपने तंबू हटाना शुरु कर दिये हैं।
चढ़ूनी ने अपने बयान में कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों की सारी मांगे मान ली हैं इसलिए किसान आंदोलन को निलंबित किया जा रहा है। पर उन्होंने ने ये भी कहा कि अगर केंद्र सरकार अपने वादों से मुकरती है तो आंदोलन को फिर से शुरू कर दिया जाएगा। अब किसान नेता हर महीने बैठक करेंगे और केंद्र के फैसलों पर चर्चा कर आगे की रणनीति तैयार करते रहेंगे।
आपको बता दें कि 26 नवंबर 2020 से किसानों ने दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डरों पर धरना दे रखा था। किसान संगठनों की माने तो इस आंदोलन में 700 से ज्यादा किसानों की मौत हो गई है। 29 नवंबर 2021 को संसद ने तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया था। अब केंद्र सरकार ने किसानों की बाकी मांगों को भी पूरी करने का अश्वासन दे दिया है।
ये थी किसानों की मांगें
केंद्र सरकार ने किसानों की इन मांगों को लेकर हामी भरी है। किसानों का कहना था कि जो लोग कृषि कानूनों की ड्राफ्टिंग में शामिल थे, उन्हें एमएसपी पर कमेटी में शामिल नहीं किया जाए। सिर्फ संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल संगठनों को इसमें जगह दी जाए। किसानों ने ये भी मांग रखी थी कि पहले केस वापस ले सरकार, इसके बाद आंदोलन वापस लिया जाएगा। मुआवजे पर किसानों ने पंजाब सरकार की तर्ज पर आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को मुआवजा देने की बात कही थी।
Himachal dry spell impact: हिमाचल प्रदेश में लंबे समय से जारी ड्राइ स्पेल ने जनजीवन…
Himachal medicines fail quality standards: हिमाचल प्रदेश में बनीं 38 दवाएं, जो संक्रमण, बुखार, बीपी,…
Anti-Muslim Boycott Remarks Himachal: हिमाचल प्रदेश में मुसलमानों का आर्थिक बहिष्कार की अपील कर …
मेष: आज का दिन पुरानी यादों को ताज़ा करेगा। सकारात्मक घटनाएं दिन भर आपके चेहरे…
Tribal Areas Development: राजस्व एवं जनजातीय मंत्री जगत सिंह नेगी ने आज धर्मशाला के सर्किट…
HPRCA Final Results 2024: हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग (एचपीआरसीए) ने बुधवार को चार अलग-अलग…