संसद में कृषि कानूनों को रद्द किए जाने के बावजूद किसान आंदोलन लगातार जारी है. वहीं, आज संयुक्त किसान मोर्चा सिंघु बॉर्डर किसान आंदोलन की आगे की रणनीति पर बैठक करेंगे. वहीं, एमएसपी कानून पर कमिटी बनाने के लिए पिछले दिनों सरकार द्वारा अनौपचारिक रूप से किसान संगठनों से 5 नाम मांगे गए थे. संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में इन नामों पर मुहर लगाई जा सकती है. हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा के मुताबिक सरकार की तरफ से एमएसपी पर लिखित प्रस्ताव नहीं मिला है.
किसान इन कृषि कानूनों की वापसी और अन्य मांगों को लेकर पिछले एक साल से आंदोलनरत हैं. किसानों का कहना है जब तक उनकी सभी मांगों पर मुहर नहीं लग जाती तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. हालांकि बीते दिनों कुछ ऐसे संकेत भी किसान संगठनों की ओर से मिले हैं कि जल्द इस आंदोलन को खत्म कर दिया जाएगा और सभी की घर वापसी हो जाएगी.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि एमएसपी की हमारी मांग भारत सरकार से है. बातचीत अभी शुरू हुई है, हम देखेंगे कि यह कैसे चलता है. हम आज की बैठक में कोई रणनीति विकसित नहीं करेंगे, हम केवल चर्चा करेंगे कि आंदोलन कैसे आगे बढ़ता है. उन्होंने आगे कहा कि कल हरियाणा के मुख्यमंत्री और किसानों के बीच बातचीत बेनतीजा रही, हालांकि वे किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने के लिए सहमत हो गए हैं. पंजाब की तरह हमें किसानों की मौत और रोजगार के लिए राज्यवार मुआवजे की जरूरत है.
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