इंडिया

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की टीम करेगी पराशर की भूमि का मंथन

मंडी: विश्‍व में धार्मिक पर्यटन में अपनी खास पहचान बना रहा मंडी जिल के पराशर क्षेत्र में लगातार हो रहे भूस्खलन और भू-धंसाव की समस्या का हल भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) की टीम निकालेगी। टीम 1 और 2 अक्टूबर, 2024 को इस क्षेत्र का दौरा करेगी। विशेषज्ञ इस क्षेत्र में गहन सर्वेक्षण करेगी और भूस्खलन की स्थिति का आकलन कर आवश्यक सुझाव प्रदान करेंगे , जिससे भविष्य में इस समस्या से निपटने के लिए ठोस कदम उठाए जा सकें।

क्षेत्र में जारी भूस्खलन ने स्थानीय निवासियों की सुरक्षा पर खतरा पैदा किया है, जिसे देखते हुए प्रशासन ने पूरी निगरानी शुरू कर दी है। जीएसआई की रिपोर्ट के आधार पर दीर्घकालिक समाधान के लिए आवश्यक योजनाएं बनाई जाएंगी। अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी डॉ. मदन कुमार ने इस आशय की पुष्टि की है।

बता दें कि पराशर 2730 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। पराशर झील, घने जंगल और धौलाधर के बर्फ पहने हुए पर्वतों के मनोरम दृश्य के लिए जाना जाता है। “पराशर झील” जिसमें लगभग 300 मीटर की परिधि है। इसमें एक तैरता द्वीप है, इसका स्वच्छ पानी इस सुंदर स्थान के आकर्षण में जोड़ता है।

परंपरागत रूप से, ऐसा माना जाता है कि झील का गठन ऋषि पराशर द्वारा रॉड (गुर्ज) के हमले के परिणामस्वरूप किया गया था और पानी निकला और झील का आकार लिया। ऋषि पराशर , मंडी क्षेत्र के संरक्षक देवता को समर्पित एक प्राचीन पगोडा शैली मंदिर, झील के अलावा खड़ा है। 13-14 वीं शताब्दी में राजा बन सेन द्वारा मंदिर का निर्माण किया गया है, जिसमें ऋषि पिंडी (पत्थर) के रूप में मौजूद हैं। यह भी कहा जाता है कि पूरा मंदिर एकल देवदार पेड़ का उपयोग करके बनाया गया था और मंदिर निर्माण को पूरा करने में 12 साल लग गए थे।

 

झील के चारों ओर घूमने से आसपास के शांतता का रहस्यमय अनुभव मिलता है। पराशर की यात्रा आध्यात्मिक यात्रा का एकदम सही मिश्रण है और शांत और सुंदर हिमालय पहाड़ों में खोज रही है। कई शिविर स्थल भी यहां स्थित हैं और यह कई आसान और कठिन ट्रेक के लिए आधार है। मंडी और अन्य आस-पास के जिलों के लोग पराशर ऋषि की पूजा के लिए जगह पर जाते हैं और मानते हैं कि उनकी इच्छा ऋषि के आशीर्वाद से पूरी की जाएगी। जून के महीने में “सरनौहाली” मेला होता है जिसमें मंडी और कुल्लू जिलों की बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भाग लेते हैं। एक वन रेस्ट हाउस, एचपीपीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस और मंदिर समिति के सराय रात के ठहरने के लिए उपलब्ध हैं।

Akhilesh Mahajan

Recent Posts

अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के कल्याण को समर्पित सुक्खु सरकार: बाली

नगरोटा में 560 परिवारों को बांटे पीएम आवास योजना के स्वीकृति पत्र Dharamshala:  मुख्यमंत्री ठाकुर…

3 hours ago

बिलासपुर में क्रूज के बाद शिकारा भी उतरा, पर्यटकों के लिए अनोखा अनुभव

Bilaspur:बिलासपुर के गोविंद सागर झील में शुक्रवार को छह सीटर शिकारा उतारा जाएगा, जो पर्यटकों…

3 hours ago

सीपीएस संजय अवस्थी की नसीहत पर विक्रमादित्य का पलटवार, बोले- मेरी जवाबदेही सिर्फ हाईकमान और सीएम को

Shimla: स्‍ट्रीट वेंडर पालिसी को हिमाचल में लागू करने के ताने बाने में कांग्रेस खुद…

4 hours ago

चूड़ी की छात्राओं का अंडर-14 खेलकूद प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन, अब राज्‍यस्‍तर पर नाम चमकाने का मौका

चंबा: राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय तेलका में आयोजित जिला स्तरीय अंडर-14 छात्रा खेलकूद प्रतियोगिता में…

10 hours ago

कठुआ मे तैनात हिमाचल के मंडी का जवान शहीद!

  Jammu/Mandi: जम्मू-कश्मीर के कठुआ में हिमाचल के जोगिंद्रनगर का जवान शहीद हो गया है।…

11 hours ago

सेब की आड़ में व्हाट्सएप के जरिए ड्रग्‍स का काला कारोबार, पुलिस ने किया पर्दाफाश

शिमला: हिमाचल की राजधानी शिमला में सेब की आड़ में ड्रग्स का काला कारोबार करने…

12 hours ago