कर्नाटक के मैंगलोर में रहने वाले संतरा विक्रेता हरेकला हजब्बा को सोमवार को पद्मश्री से सम्मानित किया गया। उनका नाम पद्म श्री के लिए जनवरी 2020 में तय हो चुका था लेकिन कोरोना के चलते देरी हुई और अब जाकर उन्हें ये सम्मान मिला है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एक समारोह में हरेकला हजब्बा को पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया।
अब आपको ये बताते हैं कि आख़िर संतरा विक्रेता ने ऐसा क्या किया जो उन्हें भारत का चौथा सबसे प्रमुख नागरिक सम्मान दिया गया। दरअसल, उन्होंने अपने गांव मैंगलौर शहर से 35 किलोमीटर दूर न्यू पडपू, हरेकला अपने गांव में पैसा जोड़कर गांव के बच्चों के लिए एक स्कूल बनवाया। उन्होंने संतरा बेचकर ये पैसा जोड़ा और गांव के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने में सफ़ल रहे। उनका मानना ये है कि वे खुद पढ़ाई न कर सके क्योंकि गांव में कोई स्कूल नहीं था।
आपको बता दें कि हरेकला हजब्बा कर्नाटक के मैंगलोर शहर में एक संतरा विक्रेता हैं। उनकी उम्र 65 साल है। शिक्षा के प्रति समर्पण ऐसा था कि अब वो शिक्षितों के लिए भी मिसाल बनकर उभरे हैं।
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