हिमाचल के ग्रामीण इलाकों में पानी की समस्या के चलते अब ब्रिक्स देशों का समूह प्रदेश की मदद को तैयार है। सोमवार को दिल्ली मे ब्रिक्स की बैठक में 3267 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट पर चर्चा की गई। इसमें समूह के सभी अधिकारियों ने हिमाचल के अधिकारियों से प्रदेश के प्रोजेक्ट को लेकर जानकारी मांगी।
प्रोजेक्ट डिटेल्स के बारे में हिमाचल की ओर से प्रधान सचिव IPH अनुराधा ठाकुर, INC अनिल बाहरी और अन्य अधिकारियों ने डिटेल में चर्चा की। अब यदि समूह प्रोजेक्ट्स को पास करता है तो पहले चरण के लिए हिमाचल को 670 करोड़ यानि 100 मिलियन डॉलर दिए जाएंगे।
इसी के चलते अब उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही ब्रिक्स की टीम हिमाचल दौरे पर आएगी और प्रोजेक्ट को पक्के तौर पर मंजूरी मिलेगी।
पानी की समस्या पर की चर्चा
बैठक के दौरान पानी की समस्या को दूर करने हेतु कुछ पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। इस पर बातचीत के दौरान चर्चा की गई कि अब तक कैसे ग्रामीण इलाकों में पानी पहुंचाया गया है और आने वाले समय में कैसे ग्रामीण पेयजल व्यवस्था को सुद्दढ़ बनाया जा सकता है।
प्रदेश के लिए यह प्रोजेक्ट खासा महत्त्वपूर्ण है, लिहाजा इसके लिए आईपीएच विभाग गंभीरता के साथ तैयारी कर रहा है। इस प्रोजेक्ट को ब्रिक्स देशों के समूह से मदद मिलती है तो आने वाले समय में कई दूसरे प्रोजेक्टों के लिए भी रास्ता साफ हो जाएगा।
कई इलाकों में पानी की किल्लत
बता दें कि पहाड़ी राज्य में ग्रामीण क्षेत्रों में अभी पानी की जरूरत को उस स्तर तक पूरा नहीं किया जा सका है, जैसा होना चाहिए। यहां तक कि पेयजल सप्लाई के लिए बनाई गई योजनाएं शुद्ध पानी भी पूरी तरह से नहीं दे पा रही हैं। यही नहीं पेयजल के अलावा कृषि क्षेत्र को भी पूरी तरह से पानी नहीं दिया जा रहा है।
ब्रिक्स के साथ ये प्रोजेक्ट यदि सिरे चढ़ता है तो यहां कृषि क्षेत्र को भी पर्याप्त पानी उपलब्ध हो सकेगा, वहीं गांवों में पानी की किल्लत भी नहीं रहेगी। आईपीएच विभाग ग्रामीण क्षेत्रों के लिए जहां इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है वहीं शहरी क्षेत्रों के लिए भी विभाग के पास कई योजनाएं हैं।