Categories: इंडिया

भारत बना अंतरिक्ष की महाशक्ति, 3 मिनट में 300 किलोमीटर दूर मार गिराया सैटेलाइट

<p>भारत ने आज अंतरिक्ष में मार करने वाली एंटी सैटेलाइट मिसाइल का सफल प्रयोग किया है। आज भारत दुनिया का चौथा ऐसा देश बना जिसे अंतरिक्ष में मार करने वाले मिसाइल की तकनीकी हासिल है।</p>

<p>भारतीय मिसाइल ने प्रक्षेपण के तीन मिनट के भीतर ही लो अर्थ ऑर्बिट में एक सैटेलाइट को मार गिराया। अब तक अंतरिक्ष में मार करने की शक्ति केवल अमेरिका, रूस और चीन के पास है। एंटी सैटेलाइट (ए सैट) के द्वारा भारत अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम को सुरक्षित रख सकेगा। इसरो और डीआरडीओ के संयुक्त प्रयास के द्वारा इस मिसाइल को विकसित किया गया है।</p>

<p><span style=”color:#c0392b”><strong>क्या होता है एंटी सैटेलाइट वेपन</strong></span></p>

<p>एंटी सैटेलाइट वेपन एक हथियार होता है जो किसी भी देश के सामरिक सैन्य उद्देश्यों के लिए उपग्रहों को निष्क्रिय करने या नष्ट करने के लिए डिजाइन किया जाता है। आजतक किसी भी युद्ध में इस तरह के हथियारों का उपयोग नहीं किया गया है। लेकिन, कई देश अंतरिक्ष में अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन और अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम को निर्बाध गति से जारी रखने के लिए इस तरह की मिसाइल सिस्टम को जरुरी मानते हैं। अभी तक दुनिया के तीन देश संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन के पास इस क्षमता प्राप्त थी। भारत ने दुनिया के चौथे देश के रूप में इस क्लब में प्रवेश लिया है।</p>

<p><span style=”color:#000099″><em><strong>आगे की खबर पढ़ने के लिए विज्ञापन के नीचे स्क्रॉल करें…</strong></em></span></p>

<p><img src=”/media/gallery/images/image(407).png” style=”height:479px; width:312px” /></p>

<p><span style=”color:#c0392b”><strong>अमेरिका</strong></span></p>

<p>1950 में अमेरिका ने डब्लूएस-199ए नाम से रणनीतिक रूप से अहम मिसाइल परियोजनाओं की एक श्रृंखला को शुरू किया था। अमेरिका ने 26 मई 1958 से 13 अक्टूबर 1959 के बीच बारह परीक्षण किए, लेकिन ये सभी असफल रहे थे।</p>

<p>21 फरवरी 2008 को अमेरिकी डिस्ट्रॉयर जहाज ने RIM-161 मिसाइल का प्रयोग कर अंतरिक्ष में यूएसए 153 नाम के एक जासूसी उपग्रह को मार गिराया था।</p>

<p><span style=”color:#c0392b”><strong>रूस</strong></span><br />
रूसी एंटी सैटेलाइट कार्यक्रम के शुरू होने का कोई निश्चित तिथि का उल्लेख नहीं किया गया है। फिर भी यह माना जाता है कि शीत युद्ध के दौरान अमेरिकी बढ़त को कम करने के लिए साल 1956 में सर्गेई कोरोलेव ने ओकेबी-1 नाम की मिसाइल पर काम करना शुरू किया था।</p>

<p>इसके बाद रूस के इस मिसाइल कार्यक्रम को ख्रुश्चेव ने आगे बढ़ाया। इस दौरान रूस ने यूआर 200 रॉकेट के निर्माण कार्य शुरू किया। रूस ने मार्च 1961 में इस्ट्रेबिटेल स्पूतनिक के रूप में अपने फाइटर सैटेलाइट कार्यक्रम की शुरूआत की थी।</p>

<p>रूस ने फरवरी 1970 में दुनिया का पहला सफल इंटरसेप्ट मिसाइल का सफल परीक्षण किया। बाद में रूस ने इस कार्यक्रम को बंद कर दिया था। लेकिन अमेरिका द्वारा फिर से परीक्षण शुरू करने के बाद 1976 में रूस ने अपनी बंद परियोजना को फिर से शुरू कर दिया।</p>

<p><span style=”color:#c0392b”><strong>चीन</strong></span></p>

<p>चीन ने 11 जनवरी 2007 को अपने खराब पड़े मौसम उपग्रह को मारकर इस विशिष्ट क्लब में प्रवेश किया था।</p>

<p><img src=”/media/gallery/images/image(408).png” style=”height:1040px; width:800px” /></p>

Samachar First

Recent Posts

हाईकोर्ट ने एचपीटीडीसी के होटलों को बंद करने के आदेश पर लगाई रोक

हाईकोर्ट ने हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) के घाटे में चल रहे 9 और…

1 hour ago

हिमाचल भवन की कुर्की टली: सरकार हाईकोर्ट में जमा करेगी 64 करोड़

Himachal Govt ₹64 Crore Payment: दिल्ली स्थित हिमाचल भवन की कुर्की से बचाने के लिए…

7 hours ago

न्‍यू पीसीसी की कवायद तेज : प्रतिभा टीम को फ्री हैंड नहीं, हाईकमान में संभाली कमान

Himachal Congress Reorganization: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस संगठन को पुनर्गठित करने की प्रक्रिया शुरू हो…

7 hours ago

बारातियों की बस और कार की टक्कर में पांच की मौत, चार घायल

Hardoi road accident: उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के मल्लावां कोतवाली क्षेत्र में सोमवार तड़के…

7 hours ago

जानें, किस राशि के जातकों को मिलेगी सफलता और किसे रखना होगा संयम

Daily Horoscope November 25: सोमवार का दिन कई राशियों के लिए महत्वपूर्ण बदलाव और नई…

9 hours ago