लद्दाख में चीनी सेना की बढ़ती सक्रियता को देखते हुए सामरिक महत्व की भानुपल्ली-बिलासपुर-मनाली-लेह ब्रॉडगेज रेल लाइन को 13 किलोमीटर बढ़ा कर चीनी सीमा तक ले जाया जाएगा। इस रेल लाइन को लेह के शेशरथांग से बिछने की विस्तृत परियोजना रिपार्ट (डीपीआर) भी तैयार की जा चुकी है।
डीपीआर के मुताबिक शेशरथांग से चीनी सीमा तक सेना की सहुूलत के लिए चार स्टेशन बनाए जाएंगे। ये सभी सेना के सामान उतारने की सुविधा से लैस होंगे। ये पटरी नदी किनारे से होकर गुजरेगी और इस पर एक सुरंग और पुल बनाने का भी प्रस्ताव है। आपको बता दें कि जून 2020 में प्रधानमंत्री कर्यालय के दखल के बाद इस डीपीआर को तैयार करने में तेजी आई थी। ये वही समय था जब चीनी सेना ने कई जगहों पर घुसपैठ की कोशीश की थी।
इस रेल लाइन के बन जाने के बाद सेना की सप्लाई में आसानी होगी। पटरी की डीपीआर इस महीने के अंत तक केंद्र सरकार को सौंप दी जाएगी।
दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे
99,000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली भानुपल्ली-मनाली-लेह रेल लाइन देश की अब तक की सबसे महत्वकांक्षी परियोजना है। ये थांगलंग से होके गुजरेगी जो कि साढ़े 17 हजार फीट की ऊंचाई पर है। इसके चलते ये दुनिया की सबसे ऊंचा रेलवे ट्रैक होगा। इस परियोजना के लिए हिमाचल और लद्दाख में 1100-1100 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा लिसमें 26 फीसदी वन भूमि भी शामिल है। इस कार्य पर 11.5 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा। रेलवे की कुल लंबाई 498 कीलोमीटर है।
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