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भारतीय वैज्ञानिकों ने समुद्र में ढूंढा ‘खजाना’, 3 साल की मेहनत लाई रंग

समाचार फर्स्ट डेस्क |

भारत के वैज्ञानिकों ने समुद्र के पानी के नीचे बहुत बड़ा खजाना खोज निकाला है। जिऑलजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के वैज्ञानिकों ने समुद्र के नीचे भारत के प्रायद्वीप के करीब लाखों टन का कीमती धातुओं और खनिजों की खोज की है। वैज्ञानिकों को लाइम मड, फोसफेट-रिच और हाइड्रोकार्बन्स जैसी चीजें मिली है।

वैज्ञानिकों को करीब 3 साल की खोज के बाद एक बड़ी मात्रा में यहां पर खनिज मिले है, इससे अनुमान लगाना आसान है कि यहां पर बड़ी मात्रा में कीमती धातु और खनिज मिल सकते है। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के वैज्ञानिकों ने  एक लाख 81 हजार वर्ग किमी का हार्इ रेजॉल्यूशन सीबेड मारफोलॉजिकल डेटा तैयार किया है। माना जा रहा है कि भारतीय इकोनोऑमिक जोन में 10 हजार मिलियन टन से भी ज्यादा लाइम मड मौजूद है।

मंगलुरु और चेन्नई कोस्ट में बड़ी मात्रा में फास्फेट

वैज्ञानिकों ने सुनिश्चित किया है कि मंगलुरु और चेन्नई कोस्ट में बड़ी मात्रा में फास्फेट है। वहीं तमिलनाडु के मन्नार बेसीन कोस्ट में गैस हाइड्रैट है। वैज्ञानिकों के अनुसार अंडमान सागर में मैगनिज और लक्षद्वीप के आसपास माइक्रो-मैगनिज नोड्यूल है

3 अत्याधुनिक अनुसंधान जहाज समुद्र रत्नाकर, समुद्र कौसतुभ और समुद्र सौदीकामा को इस खोज में लगाया गया है। GSI के सुपरिंटेंडेंट जिऑलजिस्ट आशीष नाथ ने बताया कि इसका मुख्य मकसद मिनरलाइजेशन के संभावित इलाकों की पहचान करना और मरीन मिनरल सांसधनों का आकलन करना है।