<p>भारतीय नौसेना को पोत निर्माण इकाई मजगांव डॉक लिमिटेड (MDL) ने स्कॉर्पीन श्रेणी की 6 पनडुब्बियों में से पहली सबमरीन 'कलवारी' सौंप दी है। नौसेना के अधिकारी ने बताया कि यह भारतीय नौसेना के पनडुब्बी कार्यक्रम में मील का पत्थर है क्योंकि यह पोत भारत समुद्री शक्ति को काफी मजबूत कर सकता है।</p>
<p> MDL के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘पहली स्कॉर्पीन पनडुब्बी कलावारी को भारतीय नौसेना को सौंपने के साथ ही MDL में इतिहास रच दिया है।’ इन पनडुब्बियों को फ्रांसीसी नौसेना रक्षा और ऊर्जा कंपनी DCNS ने डिजाइन किया है। भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट-75 के तहत इनका निर्माण मुंबई में MDL द्वारा किया जा रहा है। </p>
<p><strong><span style=”color:#330099″>'कलवारी' कर सकती है एंटी शिप मिसाइलों से हमला:</span></strong></p>
<p>यह पनडुब्बी दुश्मन की नजरों से बचकर सटीक निशाना लगा सकती है। ये टॉरपीडो और एंटी शिप मिसाइलों से हमले कर सकती है। अब स्कॉर्पिन सीरिज की कुल 6 पनडुब्बियां देश में बनाने का प्लान है। कलवरी का नाम टाइगर शार्क पर रखा गया है। कलवरी के बाद दूसरी पनडुब्बी खंदेरी की समुद्र में मूवमेंट जून में शुरू हो गई थी। अगले साल इसे भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा। तीसरी पनडुब्बी वेला को इसी साल पानी में उतारा जाएगा। </p>
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