<p>गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 3 जानीमानी हस्तियों को देश का सर्वोच्च सम्मान 'भारत रत्न' देने की घोषणा की है। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, मशहूर संगीतकार भूपेन हजारिका और आरएसएस से जुड़े नेता और समाजसेवी नानाजी देशमुख को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किया जाएगा।</p>
<p>शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन से जारी बयान में कहा गया कि नानाजी देशमुख और भूपेन हजारिका को मरणोपरांत यह सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिलेगा। 20 साल बाद दो से ज्यादा हस्तियों को इस सर्वोच्च नागरिक सम्मान के लिए चुना गया है।</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी</strong></span></p>
<p>प्रणब मुखर्जी का जन्म 11 दिसंबर 1935 को पश्चिम बंगाल के मिराती में हुआ था। 1969 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें राज्यसभा का टिकट दिया। इसके बाद 1982 में उन्हें कैबिनेट में वित्त मंत्री नियुक्त किया गया। 1984 में राजीव गांधी से मतभेदों के बाद उन्होंने एक नई राष्ट्रीय समाजवादी कांग्रेस पार्टी का गठन किया। हालांकि, 1989 में यह पार्टी कांग्रेस में ही शामिल हो गई। इसके बाद पीवी नरसिम्हाराव की सरकार में उन्हें 1991 में योजना आयोग का प्रमुख और 1995 में विदेश मंत्री का कार्यभार दिया गया। उसके बाद प्रणब 2012 से 2017 तक देश के राष्ट्रपति रहे।</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>कौन हैं नानाजी देशमुख</strong></span></p>
<p>11 अक्टूबर 1916 को जन्मेनानाजी देशमुख का 27 फरवरी 2010 को निधन हो गया। वह समाजसेवी और भारतीय जनसंघ के नेता थे। बताया जाता है कि 1977 में जब जनता पार्टी की सरकार बनी तो उन्हें मोरारजी देसाई मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। मगर उन्होंने यह कहकर मंत्रिपद ठुकरा दिया कि 60 वर्ष से अधिक की उम्र के लोग सरकार से बाहर रहकर समाजसेवा का कार्य करें। उन्होंने दीन दयाल उपाध्याय शोध संस्थान के तहत तमाम समाजसेवा से जुड़े कार्यों को विस्तार दिया। अटल विहारी वाजपेयी की सरकार में उन्हें भारत सरकार ने पद्मविभूषण से सम्मानित किया था। नानाजी देशमुख का जन्म महाराष्ट्र के हिंगोली जिले में एक मराठा परिवार में हुआ था। 1940 में डॉ। हेडगेवार के निधन के बाद नानाजी ने संघ की शाखाओं से जुड़ने के लिए युवाओं को प्रेरित किया।</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>कौन हैं भूपेन हजारिका</strong></span></p>
<p>भूपेन हजारिका ऐसे बिरले कलाकारों में रहे जो कि खुद गीत लिखते थे, संगीत देते थे और उसे गाते भी थे। आठ दिसंबर 1926 को असम में जन्मे भूपेन हजारिका का पांच नवंबर 2011 को निधन हो गया था। भूपेन हजारिका के गीतों ने लाखों को दीवाना बनाया। उन्होंने कई गीतों को जादुई आवाज दी। ओ गंगा तू बहती क्यों है। और दिल हूम हूम करे जैसे गीतों ने भूपेन हजारिका को प्रशंसकों को दिलों में हमेशा के लिए बसा दिया। असम का निवासी होने के कारण भूपेन असमिया संस्कृति और संगीत से भी जुड़े रहे। भूपेन हजारिका का जन्म असम के तिनसुकिया जिले की सदिया में हुआ था।</p>
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