<p>अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र इसरो ने आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से PSLV-C43 रॉकेट से भारत का हाइसिस (एचवाईएसआईएस) सैटेलाइट लॉन्च कर दिया है। इसके साथ आठ देशों के 30 अन्य सैटेलाइट (1 माइक्रो और 29 नैनो) भी छोड़े गए। पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी) की इस साल में यह छठी उड़ान थी। PSLV-C43 रॉकेट प्रदूषण की मॉनिटरिंग करेगा।</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>आइए जानते हैं इस इसरो के इस मिशन की खास बातें:-</strong></span></p>
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<li>इस मिशन के जरिए भारत सहित 9 देशों के 31 सैटलाइट पोलर सैटलाइट लॉन्च वीइकल (पीएसएलवी) सी-43 के जरिए लॉन्च किए गए।</li>
<li>PSLV-C43 की लंबाई 44 मीटर है। इसमें कुल 11 सैटेलाइट हैं, जिनका कुल भार 261।5 किलोग्राम है। 112 मिनट में यह मिशन पूरा हो जाएगा।</li>
<li>ये रॉकेट हाइपर स्पेक्ट्रल इमेजिंग सैटेलाइट टेक्नोलॉजी ‘ऑप्टिकल इमेजिंग डिटेक्टर ऐरे' पर आधारित है, जिससे धरती के चप्पे-चप्पे पर नज़र रखा जा सकेगा।</li>
<li>यह लॉन्चिंग 4 स्टेज में हुई। पहली स्टेज में पीएसएलवी 139 सॉलिड रॉकेट मोटर इस्तेमाल करता है, जिसे 6 सॉलिड स्टूप बूस्ट करते हैं। दूसरी स्टेज में लिक्विड रॉकेट इंजन का यूज होता है, जिसे विकास नाम से पहचाना जाता है। तीसरी स्टेज में सॉलिड रॉकेट मोटर मौजूद है, जो ऊपरी स्टेज को ज्यादा ताकत से धकेलती है। चौथी और आखिरी स्टेज में पेलोड से नीचे मौजूद हिस्सा था, जिसमें दो इंजन मौजूद होते हैं।</li>
<li>हाइसिस वायुमंडलीय गतिविधियों का पता लगाने के साथ धरती की मैग्नेटिक फील्ड का भी अध्ययन करेगा। इनमें एक माइक्रो और 29 नैनो सैटलाइट हैं।</li>
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