भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में फांसी दिए जाने का विरोध तेज हो गया है। भारत में संसद से लेकर सड़क तक लोग इस फांसी के विरोध में लामबंद हो गए हैं। इस बीच विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान को दो टूक चेतावनी दी है कि अगर कुलभूषण को फांसी होती है ,उसके लिए ठीक नहीं होगा।
मंगलवार को देश की संसद में कुलभूषण की फांसी का मुद्दा जोरशोर से उठा। विपक्ष के नेताओं ने भी भारत सरकार को इस मामले में सख़्त कदम उठाने की मांग की। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस मामले में भारत कानूनी प्रावधानों पर भी गौर कर रहा है। उन्होंने कहा कि कुलभूषण पर लगे सारे आरोप बेबुनियाद है।
Will go out of the way to save him, wo poore Hindustan ka beta hai:Sushma Swaraj in Rajya Sabha on Kulbhushan Jadhav pic.twitter.com/2h9ICrtqJm
— ANI (@ANI_news) April 11, 2017
विदेश मंत्री ने कहा कि कुलभूषण जाधव की सुनवाई के दौरान भारत के राजयनयिकों से मिलने तक नहीं दिया। पाकिस्तान यह फांसी देकर भारत को चुनौती देने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि वे कुलभूषण जाधव के परिवार के संपर्क में लगातार हैं और किसी भी सूरत में यह फांसी नहीं होने दी जाएगी। क्योंकि, पाकिस्तान झूठे और बेबुनियाद केस में जाधव को फंसाया है।
विपक्ष ने संसद में कहा कि अगर जाधव को फांसी होती है तो यह एक तरह की हत्या होगी। इसके लिए सरकार पाकिस्तान पर हर संभव दबाव बनाए। अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को बेनकाब करने के साथ-साथ ताकत के भी इस्तेमाल से गुरेज ना करे।
पाकिस्तानी हाईकमिशन के बाहर प्रदर्शन
कुलभूषण जाधव की पाकिस्तान के सैन्य अदालत द्वारा फांसी की सजा दिए जाने के बाद दिल्ली स्थित पाकिस्तान हाईकमिशन के बाहर लोगों ने भारी संख्या में धरना-प्रदर्शन किया। लोगों ने भारत सरकार से पाकिस्तान के साथ सारे डिप्लोमेटिक संबंध तोड़ने और उसे सबक सिखाने की मांग की है।
क्या है पूरा मामला
पाकिस्तान में जासूसी के आरोप में गिरफ्तार भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुनाई गई है। जाधव 3 मार्च, 2016 को कथित तौर पर बलूचिस्तान के चमान इलाके में पकड़े गए थे। सोमवार को आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने उनकी मौत की सजा को मंजूरी दी है, जिसका लगातार भारत की तरफ से विरोध किया जा रहा है।
पाकिस्तान ने कुलभूषण की गिरफ्तारी के बाद उन्हें भारत का जासूस बताया और उनके बयान का एक वीडियो जारी किया। जिसमें कुलभूषण खुद को जासूस बताते हुए दिखाई दे रहे हैं।
जबकि, भारत का कहना है कि कुलभूषण को जबरन प्रताड़ित करके यह बयान दिलाया गया है। भारत के मुताबिक कुलभूषण के खिलाफ पाकिस्तान के पास कोई भी सबूत नहीं है। बावजूद इसके उनके खिलाफ सैन्य अदालत ने सारे अंतर्राष्ट्रीय मानकों को धत्ता बताते हुए फांसी की सजा दी है। कुलभूषण एक बिजनेसमैन हैं जो कि व्यापार के मामले में पाकिस्तान गए हुए थे।
संसद में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कुलभूषण जाधव के पास वैलिड वीजा और पासपोर्ट है, फिर उनका जासूस होने का कोई सवाल ही नहीं पैदा होता। गृहमंत्री ने कहा कि भारत हर कानूनी प्रावधानों को पेश करेगा।
अंतरराष्ट्रीय मानकों की धज्जियां उड़ा रहा पाक
कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में मौत की सजा देने के फैसले पर मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कड़ा विरोध जताया है। एमनेस्टी इंटरनेशनल के दक्षिण एशिया निदेशक बिराज पटनायक ने कहा कि कुलभूषण जाधव को मौत की सजा देना दर्शाता है कि पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने अंतरराष्ट्रीय मानकों की धज्जियां उड़ाई हैं। उन्होंने बयान जारी कर कहा बचावकर्ताओं को उनके अधिकारों से वंचित करके और कुख्यात गोपनीय तरीके से काम कर सैन्य अदालतें न्याय नहीं करतीं है। बल्कि, उसका मजाक उड़ाती हैं।