Mumbai/Agencies: बॉलीवुड अभिनेत्री व मंडी लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद कंगना रणौत की विवादों में घिरी बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘इमरजेंसी’ का मामला अदालत में है। सेंसर बोर्ड ने अदालत को सूचित किया है कि फिल्म को प्रमाण पत्र जारी करने से पहले कुछ आपत्तिजनक दृश्यों को हटाना आवश्यक होगा। फिल्म 1975 में भारत में लगाए गए आपातकाल की पृष्ठभूमि पर आधारित है। फिल्म कई संवेदनशील मुद्दों को उठाती है। सेंसर बोर्ड ने कुछ दृश्यों पर आपत्ति जताई है और कहा है कि इन्हें हटाने के बाद ही फिल्म को सर्टिफिकेट प्रदान किया जा सकता है। सेंसर बोर्ड का मानना है कि यह संभावना है कुछ दृश्य राजनीतिक और सामाजिक माहौल पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। बोर्ड ने अदालत से कहा कि फिल्म में प्रस्तुत कुछ सामग्री जनभावनाओं को आहत कर सकती है और इसके लिए फिल्म में संशोधन जरूरी हैं। फिल्म ‘इमरजेंसी’ में कंगना रणौत ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका निभाई है, और वह इस फिल्म की निर्देशक भी हैं। कंगना ने पहले ही इस फिल्म को अपने करियर की सबसे चुनौतीपूर्ण फिल्मों में से एक बताया है।